सिगरेट बोले रे…

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** (रचना शिल्प:तर्ज-झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में) सिगरेट बोले रे,जीवन की मंझधार में,सिगरेट बोले रे..., चाचा आओ ताऊ आओ,छत पर लो सुलगाओ, जी कर क्या…

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स्नेहमयी माँ

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ शरतकाल,ऋतु चक्र में, आई है माँ धरती में। उल्लास भरे प्रकृति में, श्रृंगार किये रंग-बिरंगे साजों से। शुभ्र बादलकी कश्ती से, तैरने लगे मन…

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जगराता

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** माता के दरबार में,जोत जले दिन-रात। आओ भक्तों कर चलो,माँ से सौ-सौ बात॥ जगराता में मातु का,मंदिर जगमग होय। दर्शन देते मातु है,अर्ज…

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शक्ति में भक्ति

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** आज मिली है शक्ति बन्दे कर ले माँ की भक्ति, किसने देखा कल क्या होगा सबने समय से बदली, आज मिली है शक्ति बन्दे कर ले…

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एक वजीर मात हो गया

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** मेरा जिंदगी को जीना कुछ खास हो गया, मेरा उठना-बैठना शायरों के साथ हो गया उन्होंने जाने क्या फिर मुझे वो तालीम दी, इश्क में…

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माँ अम्बे

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** माता रानी दर पे आए, छोड़ आए हम सारे झमेले अब तू हमको शरण रख ले, निज चरणों में ले ले। माता रानी... कर त्रिशूल तलवार…

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साधु

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* ऐसे सच्चे साधु जन,जैसे सूप स्वभाव। यह तो बीती बात है,शेष बचा पहनाव। शेष बचा पहनाव,तिलक छापे ही खाली। जियें विलासी ठाठ,सुनें तो बात निराली। कहे…

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कर दे सब बुराईयों का अंत

डॉ.किशोर जॉन इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************************** अधर्म पर धर्म की जीत या पुण्य की पाप पर, बुराई पर अच्छाई की या असत्य पर सत्य की, पूज्यनीय है कर्म राम क़े पूज्यनीय है…

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रावण के १० शीश

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* सोच रहा बालमन खेल-खेल में देख रावण के मुख,आँखें,दस शीश,और हाथ-पैर बीस, कैसे सोता होगा रावण,आती होगी कैसे नींद कैसे कहता होगा,कैसे करता…

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करीब और तुम जरा चले आओ…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मेरी शाख के काँटों पे मत जाओ, मेरे करीब और तुम जरा चले आओ। मेरी पंखुड़ी छू के बहक जाओगे, मेरी खुशबू पा…

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