दिखाते रोशनी

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** गुरु है ज्ञानदिखाते हैं रोशनीगुरु महान। सखा है गुरुमिल जाए जिसे येजीवन शुरू। गुरु विद्वानगुरु हैं मात-पितादेते हैं ज्ञान। गुरु संबंधहै मुश्किल में साथकरे प्रबन्ध। ज्ञान की खानगुरु से सफलतादिलाते मान। भाग्य विधाताबताते अच्छा-बुराराष्ट्र निर्माता। निभाते साथश्रेष्ठ गुरु सहजथामते हाथ। शिक्षक न होगुरु यानी भरोसाउजास न हो। गुरु वंदनशीश नवाते हमकनक बने। … Read more

बड़ा बंधन

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** स्नेह के धागे… भाई-बहनअमूल्य सूत रिश्ताबड़ा बंधन। धागा है स्नेहनिभाना जिन्दगी मेंरखना नेह। प्रेम अटूटमन रखना डोरना जाए टूट। विश्वास डोरसदा संजोना बसप्रेम का दौर। छोड़ना मतयादें बचपन कीतोड़ना मत। नाराजी न होबंधन हृदय काहो सदा रक्षा। दूरी भले होदु:ख-सुख में साथदिल एक हो। भाल तिलकबहन दे आशीषखुशी चमक। मन हो बड़ाअहमियत … Read more

‘चंद्र’ विजय

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** चाँद पे हमउतरा हिन्दुस्तानदिखाया दम। हुआ मंगलउम्मीदें हैं सबकीचमके कल। शिखर चूमाचंद्रयान सफलहै शौर्य अब। ‘चंद्र’ विजयसबने माना लोहाजय भारत। बढ़ा ‘प्रज्ञान’रुका दक्षिणी ध्रुवहै कीर्तिमान। हुए विफलसीखा विफलता सेउज्ज्वल आज। ना मानी हाररचा है इतिहासख्वाब साकार। भारत आगेकोई नहीं पहुँचाभाग्य है जागे। खोलेगा राजचन्द्रमा पर है क्या ?करेगा खोज। नया प्रयाससब देशहित … Read more

है विरासत

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बड़े-बुजुर्गइनसे मजबूतीघर की नींव। है दहलीजकरो सदा सम्मानसीखो सलीका। वो अनुभवीलेना सदा सलाहदेखी जिंदगी। रिश्ता अमूल्यहमसे प्यार बड़ासमझो मूल्य। है विरासतसुख-दु:ख में साथबड़ी ताकत। इनसे खुशीसंग जो हो आशीषबढ़ती खुशी। आती समृद्धिनिरंतर प्रगतिसमझो इसे। करना फिक्रअलग न हो कभीहम से जिक्र। हैं ये नींवजिम्मेदारी सबकीहम हैं जीव। संग रहनाइनसे ही संस्कृतिमानो कहना। … Read more

राष्ट्र प्रथम, गर्व तिरंगा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हम आजाददेश करे तरक्की-रहें मुस्तैद। भूमि महानसदा मातृ हमारीसौहार्द शान। मान तिरंगाये झुकने ना पाएआन तिरंगा। रहे एकतासम्मान करें सबइरादे नेक। राष्ट्र प्रथमलहराए सदा येगर्व तिरंगा। स्वार्थ परे होप्रगति हो समानबनें इंसान। हो देशभक्तरहे तत्परता सेलगे जो रक्त। मान हो सेनाबैर ना हो आपसीएक रहना। हैं बहुभाषीविशाल संस्कृति भीकभी ना तोड़ें। हम … Read more

जिंदगी दोस्ती

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** जिंदगी दोस्ती,स्नेह का दूजा नामनिभाएं दोस्ती। सदा पवित्र,जाँ लुटा दे दोस्ती मेंहो ऐसा मित्र। दोस्ती में साथ,नहीं छोड़े दु:ख मेंथामे जो हाथ। कृष्ण-सुदामा,अनूठा रिश्ता दोस्तीहमने थामा। निश्छल रिश्ता,लाए सदा मुस्कानअनूठा किस्सा। है उपहार,मजबूत हो दोस्तीसंग में प्यार। करना भला,रखो दोस्ती सच सेतो रिश्ता चला। है खुशी दोस्ती,जुदा ना होना कभीहै साँस दोस्ती। … Read more

शख्सियत मुंशी प्रेमचंद

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* कथा सम्राटशख्सि़यत महानथे प्रेमचंद। जन्मे लमहीशख्सि़यत का नामधनपत था। उर्दू-फारसीशख्सि़यत का शिक्षाथा रोजगार। गोरखपुरगौरव शख्सि़यतइतिहास है। अमर कथा,शख्सि़यत साहित्य‘सोजे़ वतन।’ उपन्यास भीशख्सि़यत समझेजागृत भाव। संवेदनाओं कीशख्सि़यत हैं लिखेकथा अनेक। पैनी थी धारशख्सि़यत लिखतेभूख गरीबी। ‘पूस की रात’शख्सि़यत दिखातेकिसान पीड़ा। ‘गोदान’ रचेशख्सि़यत सोचतेसोए क्यों ‘होरी ?’ बिका ‘कफ़न’शख्सि़यत रचतेप्रमुख भूख। जलन-द्वेषशख्सि़यत … Read more

बड़ा गुनाह

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बड़ा गुनाहमिले ऐसी सजाना दें पनाह। कैसा समयतार-तार अस्मितातोड़ा सम्मान। ये लोक-तंत्र!बुरा विचार-आगस्त्री कब तक? ये कैसी हिंसा ?लूट रहे अमनभूले अहिंसा। जरूरी न्यायना हो हैवानियतना हो अन्याय। न करें निंदाइंसाफ रखे जिंदामाहौल ऐसा॥ मार दी शर्मजल रहा मणिपुरहै राज-धर्म। सब निःशब्दहर मन में गुस्साहो झूठ बंद। कैसी पशुताहम हैं आधुनिक!भीड़ कलंक। … Read more

भरी उड़ान

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** देश विज्ञानदिखा सबको शक्तिभरी उड़ान। गृह प्रवेशभारत बने गुरुबने विशेष। रहा सपनाहोगा अनूठा चौथादेश अपना। लक्ष्य है बड़ापास चाँद भारतसंग है खड़ा। देखेंगे सबपोटली उम्मीदों कीखुलेगी अब। दिल में खुशीतब रही थी कमीदुआ सबकी। बड़ा इरादामिशन चंद्रयानदेश से वादा। है सम्भावनातकनीक में शक्तिबढ़े आसमाँ करें प्रार्थनाआए नहीं विपदाना हो सामना। चाँद चूमेंगेंवो … Read more

बदरा आए

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** गरजे घनझूम उठी बरखाबहके मन। बदरा आएझूम उठी फ़िज़ाएंआनंदित हैं। सौंधी खुशबूचले यूँ पुरवाईउड़े मनवा। बरस रहीरिमझिम बारिशझूम लूँ जरा। आए बादलपिया का इंतजारबावरा जिया। मेंढक गाएदिन बरसात केथिरके मन। मस्ती का फेरानाचे मन मयूराखुशी का डेरा। आई खुशियाँमुस्काई फिर धराफूली बगिया। फैला आनंदहै दृश्य मनोरममन पसंद। आया सावननदारद तपिशभाया सावन॥