अब तो आ जाओ रघुवर…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** घना तमस जगत में भरा,कौन करे राघव की खोजविकल भया सर्व जगत में,नयन बहाए दीपक रोज। कैसे किरणें बन निखरेगी,मेरे मर्म की सुर्ख कलिकाआस लगाए द्वार खड़ी…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** घना तमस जगत में भरा,कौन करे राघव की खोजविकल भया सर्व जगत में,नयन बहाए दीपक रोज। कैसे किरणें बन निखरेगी,मेरे मर्म की सुर्ख कलिकाआस लगाए द्वार खड़ी…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ब्रम्हांड उठाने वाले ने,गोवर्धन धर कर स्वांग रचा…माखन लालच उनको देतीगोकुल की ग्वालिन नाच नचा…। क्या यही विधाता है जग का,दुविधा देखते इंद्र खड़ा…अब जाँच-परीक्षा लेना है,इस…
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** भाई दूज विशेष... प्रेम से जो सदा जलती,मैं वह ही रोसनाई हूँदिखाए आँख भारत को,मैं उनके हित कसाई हूँ। समूचे विश्व की बहनों,ये कहता हिन्द का बेटा।नहीं…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* रोशनी से जिन्दगी... सादर नमन है आपको हे शुभ शुभम हे ज्योति,आपके शुभ ज्योति, रोशनी से जिन्दगी है मिलती। विवश रहता है मानव, रोशनी जब तक…
डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** अपना पर्व, अपनी बात, हम अपनी वाणी बोलें,आ गई दीवाली अब तो, दिल से बात बोलेंआओ मन की गांठ खोलें, वाणी में रस घोलें,जलाकर प्रेम का…
दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** आज अवध में नई सुबह है,खत्म हुआ संघर्ष वो साराराम की महिमा राम ही जाने,राम का है, संसार ये प्यारा। राम-नाम सब धर्म से…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** रोशनी से जिंदगी... चलो इस दिवाली,कुछ नया करें…जो है शोषित,पीड़ित,दरिद्रता से लाचारउनके घर उजास करें,चलो इस दिवाली…। कुछ उनके लिए करें,जो है वंचित, रुग्ण, रसहीनअंधकार से अभिशप्त,उनके…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** आज न होगा कोई मंगल गान प्रिये,विपदा में व्यथित जो समूची धरती हैनफरत के शोलों से विदीर्ण हर वक्ष आज है,मानवता तिल-तिल कर आज यहां मरती…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* प्यार के विरह में तड़प कर बह रही है आँसू की धार,रोते छोड़कर गया प्रेम, लौटकर नहीं आया मेरा प्यार। हर पल डूबी रहती हूँ मैं,…
राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* वो रसोई मेंसुबह उठते ही,भजन गुनगुनाने की आदतईश्वर को नमन कर,भगोनी के पानी में उबाल आने के बादअदरक, लोंग, काली मिर्च कूटकर डालना,फिर इलायची डालनालम्बी साँस लेते…