प्रकृति
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** बन के सूरज तू जगत में रौशनी की किरणें बिखरा, चाँद की शीतलता लेकर तू इस धरा पर आ। झील का तू नीर…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** बन के सूरज तू जगत में रौशनी की किरणें बिखरा, चाँद की शीतलता लेकर तू इस धरा पर आ। झील का तू नीर…
एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’ गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** आज सूरज की बान का अंदाज़ अलग, कभी खुशियों की मुस्कान कभी नई सुबह,कहीं कुछ खो जाने की कशमकश, विरोधाभास की सुबह! ब्राह्मण के…
गरिमा पंत लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** हाँ,वह कहते हैं परिवर्तन आएगा, विचारों में परिवर्तन आएगा भारत में स्वच्छता पर लोग काम करेंगे, जो कड़ियां टूट गई,उनको जोड़ा जाएगा... हाँ,वह कहते हैं परिवर्तन…
अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** अब तो हो जाने दो बरसात, तपन से धरा हो गई है त्रास। बुझ रही थी नहीं सभी की प्यास, बरसात होने से पूरी हुई…
तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* वक़्त के दामन से कुछ लम्हें चुरा कर, मैंने आज सोचा चलो इन लम्हों में ढूँढते हैं अपने खोये हुए दिन, गुज़री हुई रातें। वो…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ हनन और दमन तुम दूसरों का कर रहे हो, उसकी आग में अपने भी जल रहे हैं। कब तक तुम दूसरों को रुलाओगे, एक दिन इस…
विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** एक रोटी मुझे तू दे दे माँ, मेरे पेट की भूख मिटा दे... कितने दिनों से भूखी हूँ, फिर भी कभी न रोती हूँ। अब सहा…
दिप्तेश तिवारी दिप रेवा (मध्यप्रदेश) **************************************************** काँटे हों हजारों मंजिलों की राह पर,यूँ घबराया नहीं करते, और पुरुष जो वीर होते हैं,यूँ मुश्किलों में हारा नही करते। न तेरे-न मेरे,यूँ वक्त…
प्रेमशंकर 'नूरपुरिया' मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** हिन्दी धड़कन है साँस है हिन्दी, हिंदी तड़पन है अहसास है हिंदी। हिंदी माँ है हमारी और संस्कृति, जिसने पाला हमें,वह खास है हिंदी॥ भारतीय संस्कृति…
पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** तुमसे कुछ कहना है... मौसम ने बहारों से, फूलों की वादियों से चाँद ने सितारों से और, सभी ने एक-दूसरे से वादा लिया है...। सुनो मैंने…