जिंदगी
डॉ.नीलम कौर उदयपुर (राजस्थान) *************************************************** बहुत उदास, बहुत बेकरार-सी बेबस-सी है जिंदगी, कभी खुशी की सांझ ना आई, कभी मिली ना हँस के जिंदगी। बस रात का स्याह सफर, दिन…
डॉ.नीलम कौर उदयपुर (राजस्थान) *************************************************** बहुत उदास, बहुत बेकरार-सी बेबस-सी है जिंदगी, कभी खुशी की सांझ ना आई, कभी मिली ना हँस के जिंदगी। बस रात का स्याह सफर, दिन…
सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* बोझ हूँ धरती का अब लगने लगा है। ना समय ठहरा है, मेरे वास्ते और ना दर किसी का है खुला। देखते मुझको ही,…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ कितना-कुछ बदल गया अपने हिंदुस्तान में, इसमें खुलकर हो रहा हर चीज का व्यापार। जहां देखो,वही पाओगे विज्ञापन और दामों की सूची, जिस पर दर्शाया गया…
विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** कब तक अश्क बहाऊँ मैं, परिवार को भूखे सुलाऊँ मैंl मन में लगी है आग, किसको-किसको बताऊँ मैं। आफत आन पड़ी है, सब-कुछ जान पे पड़ी…
दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* सो गयी है युवा शक्ति चेतना, उनमें नव रक्त संचार कराने आ जाओ। आज आ पड़ी है जरुरत तुम्हारी, फिर से जग को जगाने आ…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** जीवन को तुम जीना सीखो,हर पल खुशी मनाओ जी। चाहे कितने संकट आये,कभी नहीं घबराओ जी॥ सिक्के के दो पहलू होते,सुख-दु:ख आनी-जानी है।…
तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* दूर क्षितिज पे, लगे यूँ ऐसे ढलती शाम का ढलता सूरज है अधीर, धरती से मिलने। आसमां की छटा निराली, कुछ उजली कुछ काली-काली, चारों…
सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** वीर बाला देश भक्ति का अवतार, रानी लक्ष्मीबाई है उसका नाम। माता-पिता,कुटुम्ब-कबीला धन्य हुआ, धन्य हुई भारत माता महान। बचपन के खेल रानी थे निराले, बरछी…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** हरदम पतझर नहीं रहेगा, अली कली को खिलाएगा। कहे 'उमेश' धैर्य रखो तुम, अपना समय भी आएगा। दुख के बादल अब छँट जायेंगे, नभ-बीच शशि…
राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** लेकर हल काँधे पर निकल गए भूमिपुत्र सारे, खुशियों को बांटने चले आये आषाढ़ के बादल। माटी की सौंधी-सौंधी महक से झूम उठे खेत, भूमिपुत्रों को…