सीमाएँ जब टूटती हैं…
डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात ) **************************************************************** सीमाएँ जब टूटती हैं, बनी हुई मूरत को जब हथौड़े से तोड़ा जाता है, सदियों पुरानी मूरत पहले झेलेगी छोटे-छोटे वार, असंख्य प्रहारों…