सताने आ गए

विद्या पटेल ‘सौम्य’ इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** मुफ़लिसी में फिर हमें सताने आ गए। तसव्वुर-ए-चिरागा को बुझाने आ गए। जश्न में हिमाक़त क्या दिखाई हमने, इज़्तिराब होकर नींद में डराने…

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हँसाती रही जिंदगी

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** किसी को हँसाती रही जिंदगीl किसी को रुलाती रही जिंदगीl भरा जख्म इक फिर मिला दूसरा, सतत यूँ सताती रही जिंदगीl नई किस्म की…

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दिल अपना दोस्ताना रख

कैलाश भावसार  बड़ौद (मध्यप्रदेश) ************************************************* दिल अपना दोस्ताना रख, दोस्तों से मिलना-मिलाना रख। यूँ ही नहीं कोई बन जाता अपना, दिल में किसी के ठिकाना रख। जहाज के पंछी को…

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देवी बना दें हम

सुरेश जजावरा ‘सुरेश सरल’ छिंदवाड़ा(मध्यप्रदेश) ****************************************************** नदी को माँ कहें बहना कहें,बेटी बना दें हम। बहुत प्यासी बहन मेरी,इसे पानी पिला दें हम। बने भागीरथी शिव की,जटाओं से बहे गंगा,…

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झूठे सपने हैं सब

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** कहने को अपने हैं सब। मगर झूठे सपने हैं सब। मन मंदिर है मेरा अपना, विरोधी घंटे बजने हैं सब। पापों का…

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नफरतों को हटा दीजिए

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** पेड़ हर मोड़ पर इक लगा दीजिए। कुछ धरा का प्रदूषण घटा दीजिये। और कुछ खूबसूरत बना दीजिए। नफरतों को वतन से…

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था भरोसा मगर सब धुंआ हो गया…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** था भरोसा मगर सब धुंआ हो गया। नाम जिसका वफ़ा बेवफा हो गया। सिर्फ मतदान करके जरा सोचिए, फर्ज क्या आपका है अदा हो…

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दिल में आते-जाते रहिए

सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************** इश्क़ का भ्रम यूँ बनाते रहिए, इस दिल में आते-जाते रहिएl आप ही मेरी नज़्मों की जाँ थी, ये चर्चा भी सरे आम सुनते रहिएl…

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जवां हो प्यार नित अपना

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** चलो खेलो पिया होली,बना लो रंग पानी का, लगा दो रंग गालों पर,मजा ले लो जवानी काl महक फैली हुई चहुँदिस,यहाँ मधुमास का देखो,…

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हमको न आज़माना

अकबर खान 'शाद उदयपुरी'  उदयपुर(राजस्थान) ***********************************************************  (रचना शिल्प:ग़ैर-मुदर्रफ़ ग़ज़ल-बिना रदीफ़ की) तुम लाख दूर जाओ मगर कुछ भी नहीं होना, हम दोनों साथ रहने की ख़ातिर हुए हैं पैदा। हसरत नहीं…

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