सीख बाँटता तू अज्ञान

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* स्वार्थ बसाकर सीख बाँटता,तू अज्ञान।द्वेष कपट रखकर कहता है,तू भगवान॥ दीन दुखी को बहुत सताया,करके लूट,बुरे कर्म पर चलने की क्या,तुझको छूट। गर नहिं सँभला तो…

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करुण कहानी…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** जिसके बल से भवन निराले,जिसके बल से है खाना।जिसके स्वेद कणों के बल पर,पर अधरों पर हो गाना॥ जिसका तप ही बंजर भू पर,लाता है नित हरियाली।जिसका…

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परिवार छॉंव है बरगद की

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… परिवार छॉंव है बरगद की,सुख सपनों के डेरे हैं।ये घोर निशा में दीपक है,पावन मधुर सबेरे हैं। घर-आँगन तुलसी महके,उलझे रिश्तों को सुलझाता है,लाख…

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नहीं दु:ख की घड़ी रहती

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… रचनाशिल्प:१२२२ १२२२ १२२२ १२२२मुहब्बत से सजा रहता जो घर-परिवार जीवन का,उसी में हर खुशी रहती।नहीं दु:ख की घड़ी रहती। पिता,माता,बहन,भाई,सभी रहते…

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जीवन

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ रचनाशिल्प:चौपाई आधारित १६-१६ मात्रा तू ही जग का भाग्य विधाता।जीवन की रक्षा कर दाता॥ तेरी महिमा अनंत भगवन।तू ही छिपा हुआ अंतर्मन॥आज हरो दु:ख जग संजाता।जीवन…

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परिजन से ही ‘विजयश्री’

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… कितना पावन,सुखद-सुहावन,मेरा घर-परिवार है।हिम्मत,ताक़त और हौंसला मेरा संसार है॥ सुख-दुख के साथी परिजन हैं,मिलकर बढ़ते जातेहर मुश्किल,बाधा,पीड़ा से,मिलकर लड़ते जाते हैं।मात-पिता,बहना-भाई से,खुशियों…

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कर्तव्य

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** कर्तव्य पथ पर चल पड़ा जो,आँधियों से कब डरा है।पथ में असीमित शैल होंगे,उर सदा माधव भरा है॥ मधु हास भरकर बाँह अपनी,मंजिलें नित खोलती हैं।शूलों हटो…

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काटे अत्याचार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************** कलम बने तलवार तभी तो बिगड़ी बात बनेगी।काटे अत्याचार कलम,तब वह सौगात बनेगी॥ कलम वही जो झूठ,कपट पर नित हो भारी,जहाँ दिखे कोई विकार तत्क्षण…

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चंदन करोगे…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** तुम लक्ष का संधान कर लो,उसका तब भेदन करोगे।उर में भावों को जगा लो,उनको फिर चंदन करोगे॥तुम लक्ष का संधान कर लो… पथ दिखाने वाले जग में,मिलते…

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लोग पत्थर के हुए

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* कूप अब पाताल में ईमान के गरके हुए हैं।गीत बोलो क्या सुनाऊँ,लोग पत्थर के हुए हैं। निर्भया को न्याय मिलने में लगे थे साल कितने,राम तंबू…

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