रंग-रगीली होली आई
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली)विशेष… तन-मन हरसाओ कि छैल-छबीली होली आई।चंग बजाओ कि रंग-रगीली होली आई॥ अवसादों का हुआ पराभव,उल्लासों का मेला हैअंतर्मन है आह्लादित अब,कोई नहीं अकेला है। जीवन-सुमन खिलाओ कि अलबेली होली आई,चंग बजाओ कि रंग-रगीली होली आई…॥ सभी ओर ही देखो प्रियवर,मस्ती का आलम बिखरा हैजहाँ देखो,वही आज … Read more