माँ शारदे को सदा नमन

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. विद्यादायिनी,वीणावादिनी आपका अभिनन्दन।कर बद्ध मैं करता हूँ,माँ शारदे को सदा नमन॥ मुझ अज्ञानी को,ज्ञान का दान करो मेरी माँ,मुझ नासमझ को,बुद्धि प्रदान करो मेरी माँ।मैं अविवेकी,विद्या का जगहित उपयोग कर पाऊँ,बस यही सर्वदा,मुझ पर एहसान करो हे माँ। तेरे चरणों से ही मिले मुझे,मेरा सफल जीवन,कर … Read more

कुछ बोल न पाए

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सोना खेतों ने उगला जब,ठीक तरह हम तोल न पाये।माना बेईमान हुए वो,हम भी तो कुछ बोल न पाये॥ खेती का वरदान मिला था,हम धरती के वीर रथी थे।साहूकारों की मंडी में,छुपकर बैठे पतित पथी थे।उनको मालिक मान लिया क्यों,अपना खाता खोल न पाये।हम भी तो कुछ बोल न पाये…॥ बहुत … Read more

प्यारा मधुमास आया

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** आज चली है पवन बसंती जिसने सबका मन हर्षाया।झूम उठे हैं पादप सारे ये प्यारा मधुमास है आया। कलियाँ खिली फूल मुस्काये भंवरे गुन-गुन करते आये,फूलों का मकरंद चुराकर मधुर सुरों में गीत सुनाये।रक्तिम रंग पलाश है लाया,प्यारा ये मधुमास है आया॥ पत्ता-पत्ता डाली-डाली झूम रही बेलें मतवाली,क्यारी सींच रहा बनमाली … Read more

नई मंजिलें

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* नयी मंजिलें हैं नये काफिले हैं।सभी दूर राहों में उलझे मिले हैं॥ यही है वो बस्ती जहां से चले थे,वहीं एक घर में सभी हम पले थे।पुराना जमाना कहाँ खो गया है,बनाते दिखें सब हवा में किले हैं॥नयी मंजिलें हैं,नये काफिले हैं… वो सस्ती दुकानें कहाँ गुम हुई हैं,वो मस्ती मचानें … Read more

माता,भर दो नव विश्वास

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* करूँ वंदना शारद माँ की,करती हूँ यह आस।नेक सृजन का पथ हो माता,भर दो नव विश्वास॥ जनहित का उद्धार करे हम,सृजन गढ़े अनमोल।शब्द शब्द में सार समाये,मन जाए नित डोल।हृदय भाव की अभिव्यक्ति से,फैले नित्य उजास।करूँ वंदना शारद माँ की,करती हूँ यह आस॥ लेखन में भाईचारा हो,प्रेम भाव का सार।लेखन से … Read more

ये भारत प्राण हमारा है

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** रचना शिल्प:मात्रा १६+१४=३० जन्म भूमि ये कर्मभूमि ये भारत प्राण हमारा है,जिस मिट्टी में बचपन खेला उस पर तन-मन वारा है।जिस आँचल की छाँव के तले हमने है जीना सीखा,हम भारत के वासी,हमको कण-कण इसका प्यारा है॥ इस माटी की सोंधी सुगंध,रची हुई है इस तन में,इसकी खातिर जाँ दे सकते … Read more

माँ…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** माँ मुझे तू निज चरण की धूल दे दे।नेह का माँ तू सुवासित फूल दे दे॥माँ मुझे तू निज… लेखनी को नित नवल तू गान देना,मैं मनुज हूँ तू सदा ये भान देना।सह सकूँ मैं कंटकों की धार को माँ,यदि मिलें तो छू सकूँ अंगार को माँ।निज कृपा का माँ मुझे दुकूल … Read more

प्रियतम आओ…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** रचना शिल्प:मात्रा १६-१४………. प्रिय परदेश छोड़ घर आओ,अब बसंत आने को है।सुमनों से मिलकर मधुकर अब,प्रणय गीत गाने को है॥ बहुत सही मैं विरह वेदना ,जागी कई निशाओं में।मेरे नयन नीर मिले थे,प्रियतम काग घटाओं में॥कुसुमाकर से हार मानकर,अब निपात जाने को है।प्रिय परदेश छोड़ घर आओ,अब वसंत आने को है…॥ कलियाँ … Read more

सँभल जाओ अभागो

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* केतु के सम्मान का तो ध्यान रखो।देश की खातिर सँभल जाओ अभागोंll आचरण इतना अपावन मत दिखाओ,आवरण माँ भारती का मत हटाओ।हो सके तो आदमी बनकर दिखा दो,चैनलों पर बैठ यूँ गोले न दागोllदेश की खातिर सँभल जाओ अभागों… खाक बनकर रह न जाये घर तुम्हारा,देखकर हरक़त बढ़ा चिंतन हमारा।कर रहे … Read more

लोभ मोह के भँवर

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* अनाचार के बुरे कृत्य को,मूक देख चुपचाप खड़ा।श्रेष्ठ कर्म के पथ को भूला,मनुज द्वेष में आज पड़ा।स्वार्थ भाव को हृदय बसाता,सबके मन वो खटक रहा।लोभ मोह के भँवर में फँसा,सत्य कर्म पर अटक रहा…॥ भाई का दुश्मन है भाई,धन का लोभ हृदय भरा।रिश्तों के बंधन सब टूटे,प्रेम भाव नहिं हृदय धरा।सर्व … Read more