चुनावी चकमक-जै खद्दर धारी…
अनुपम आलोक उन्नाव(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** जै खद्दरधारी,भइया...जै खद्दर धारी, वरदहस्त हो तुम्हरा...विपत्ति टरै सारीl भइया...जै खद्दरधारीll देख चुनावी मौसम...फौरन प्रकट भए, जीत इलेक्शन भाई,सब-कुछ गटक गएl जातिवाद के पोषक,शकुनि के अवतारी,…