कैसा मानव अधिकार

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** पुलिस सिपाही चुप रहें, कैसा भारत यार। पत्थरबाजी हो गया, मानव का अधिकार॥ अरे सिपाही की यहां, सुनता कौन‌ पुकार। पत्थरबाजों के लिये, बने सभी…

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अहंकार करना नहीं

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** चन्दन- चन्दन माथे साज के,पंडित बने महान। ढोंगी पाखण्डी बने,देखो तो इंसान॥ अग्निपथ- वीर चले हैं अग्निपथ,होने को बलिदान। भारत की रक्षा किये,देखो…

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समर्पण

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* त्याग समर्पण कीजिए,मातृभूमि हित मान। देश बचे माँ भारती,भली शहादत शान॥ करें समर्पण देशहित,निज के गर्व गुमान। देश आन अरु शान है,हो इसका सम्मान॥ मानव हूँ…

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देश तोड़ने पर तुले

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** घृणा द्वेष अफवाह फिर,गर्माया बाज़ार। अमन चैन आवाम फिर,लड़ने को तैयारll संविधान के नाम पर,वोटतंत्र का खेल। गलबहियाँ फिर स्वार्थ की,शुरु हुआ गठमेलll…

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स्वारथ का बाजार है…

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सभी दोगले हो गये,सबके ढीले भाव। स्वाभिमान का है नहीं,अब इंसां को ताव॥ सबके कपटी आचरण,झूठे हैं प्रतिमान। मौका मिलते त्यागते,अकड़ू निज सम्मान॥ बदले…

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समरथ को सब कुछ क्षमा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** पाप-पुण्य के व्यूह में,क्यों फँसते हैं आप। बनो सुजन सत् सारथी,बिन परार्थ है पापll जिसको लगता जो भला,उसे समझता पुण्य। आहत लखि निज…

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दुष्कर्म

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मानवीय संवेदना,मर्यादित आचार। क्या जाने कामी दनुज,घूमे कर व्यभिचारll निर्विवेक पशुतुल्य वे,कर कातिल शिकार। क्या बेटी माँ बहन हो,निर्दय कुटिल प्रहारll होता जग…

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संसार

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** देख दशा संसार की,मन मेरा है रोय। भाई-भाई लड़ मरे,प्रीत पराई होयll आये हो संसार में,काम करो कुछ नेक। मर कर हो जा…

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नारी की रक्षा हम सबका धर्म

एक बार फिर से जगा,मानव बन हैवान। उसकी पशुता ने हरा,नारी जीवन,मान॥ हद से गुज़री क्रूरता,दक्षिण का यह कृत्य। चंदा भी रोने लगा,रोता है आदित्य॥ वह भोली-सी डॉक्टर,मानव सेवा लक्ष्य।…

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टूटे ज़रा न आस

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** बाल न बांका हो कभी,टूटे ज़रा न आस। पालन हारे पर रखे,मानव जो विश्वासll झेलेंगे हमले नये,खान बाजवा पाक। सूतक की अब…

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