पानी है अनमोल

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* क्षिति जल पावक नभ पवन,जीवन ‘विज्ञ’ सतोल। जीवन का आधार वर,पानी है अनमोल॥ मेघपुष्प,पानी,सलिल,आप: पाथ: तोय। ‘विज्ञ’ वन्दना वरुण की,निर्मल मति दे मोय॥ जनहित जलहित देशहित,जागरूक हो ‘विज्ञ।’ जीवन के आसार तब,जल रक्षार्थ प्रतिज्ञ॥ वारि अम्बु जल पुष्करं,अम्म: अर्ण: नीर। उदकं,घनरस शम्बरं, ‘विज्ञ’ रक्ष मतिधीर॥ सरिता तटिनी तरंगिणी,द्वीपवती सारंग। नद सरि … Read more

टल जाएगा वक्त यह

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** ‘कोरोना’का वाइरस,फैल सकल संसार। मचा रहा हर देश में,भीषण हाहाकार॥ मानव का अस्तित्व ही,है संकट में आज। सिर पर बैठा हँस रहा,कोरोना का ताज॥ आफत आई चीन से,लिया चैन-सुख छीन। कोरोना के सामने,मनुज लग रहा दीन॥ कोरोना ने छेड़ दी,नए ढंग की जंग। बिना लड़ाई कर रही,जो धरती बदरंग॥ अर्थव्यवस्था … Read more

मन में नयी उमंग हो

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** कभी न डिगना चाहिए,करना सतत् प्रयास। सदा आत्म विश्वास से,पूरी होगी आस॥ बढ़ना निज कर्तव्य पर,करके दृढ़ विश्वास। तभी सफलता आपकी,आएगी घर पास॥ मन में नयी उमंग हो,होंठों पर मुस्कान। सदा आत्म विश्वास से,कठिन कार्य आसान॥ निज हित को पहचानिए,धीरज मन में धार। करो काम ईमान से,मुट्ठी में … Read more

घर में छुपकर ही लड़ें

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** ऐसी विपदा आ गयी,हुये सभी मजबूर। लम्बी दूरी नापते,पैदल ही मजदूर॥ आया रोग जहाज से,सहम गए हैं लोग। लाये इसे अमीर पर,रंक रहे हैं भोग।। जीवन की हर ओर ही,सूख रही है डाल। मन रोता है देखकर, इस दुनिया का हाल॥ शहर नहीं अब गाँव भी,लगते हैं वीरान। अनहोनी … Read more

रखना उर में आस

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** हँसकर मेरे गाँव का, ‌कहता फूल बुराँस। आयेगी रे लालिमा, रखना उर में आस॥ बूढ़े,बालक साथ में, करते भोजन यार। बड़े दिनों के बाद ये, लगता है परिवार॥ मोदी जी अवतार हैं, कलियुग के भगवान। अँधियारा हरते सदा, लाते मधुर विहान॥ ताने देकर गाँव की, कहती जौ की बाल। अरे … Read more

नवयुग का संदेश सुन

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** नवयुग का संदेश सुन,सुधर जरा इंसान। देख रहा भगवान है,मत कर तू अभिमान॥ छेड़छाड़ तू प्रकृति से,करता बारम्बार। देख रहा तू आज है,अपना यह अपमान॥ मानवता को छोड़कर,वैज्ञानिकता दंभ। करतूतें करता रहा,देख खुदा हैरान॥ स्वार्थ,लोभ,संचय प्रवृत्ति,बन बैठा यमदूत। खुद ओखल में सिर धरे,लाया मौत जहान॥ दूर हुआ भगवान से,नैतिकता से … Read more

एकता

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** अनेकता में एकता,भारत की पहचान। एक सूत्र में हैं बँधे,संस्कृति यहाँ महानll प्यारे-प्यारे फूल-सी,जाति वर्ण सम भान। अपने-अपने धर्म को,माने सभी सुजानll रंग भेद कुछ भी नहीं,भाई-भाई साथ। मिलकर करते काम हैं,ले हाथों में हाथll हिन्द हमारी जान है,हिंदी हिंदुस्तान। हिन्द महामानव बना,हिंदी से पहचानll गाँव-शहर में एकता,विपद … Read more

अहसास

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** `कोराना` सम व्याधि बहु,मनुज नहीं अहसास। हरित भरित सुष्मित प्रकृति,करता सत्यानासll लोभ मोह में जिंदगी,छल कपटी बस झूठ। प्रेम सत्य अहसास बिन,प्रकृति गयी नर रूठll परहित रत रवि शशि अनल,धरा व्योम जल वायु। नदी निर्झर सागर तरु,करे सृष्टि दीर्घायुll पा विवेक मति चिन्तना,सर्वोत्तम अहसास। अहंकार विषपान कर,मनुज करे … Read more

आराधन नवरात्र का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** चैत्रशुक्ल शुभ प्रतिपदा,विक्रम संवत् वर्ष। सृष्टि सृजन प्रारब्ध दिन,हो जीवन उत्कर्ष॥ प्रथम विष्णु अवतार यह,महर्षि गौतम जन्म। आर्यसमाजी स्थापना,रामराज्य सद्धर्म॥ विक्रम का राज्याभिषेक,राजतिलक रघुराम। चैत्रमाह नवरात्र का,पुष्पित चहुँ अभिराम॥ हरित भरित पादप लता,कली कुसुम नवरंग। मादक मन रोचक सुरभि,जीवन खिले उमंग॥ खिली खिली सुष्मित प्रकृति, नयासाल चहुँओर। भरा … Read more

नवरात्रि

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** नवरात्रि- चैत्र माह नवरात्रि में,पूजन दिन अरु रात। शुभ फल देती मातु है,सुनती सबकी बात॥ शुचिता- शुचिता मन में हो सदा,बने सभी के काम। माता रानी अम्बिके,मन में हो शुभ नाम॥ आराधना- भक्ति भाव आराधना,जप तप हो अरु ध्यान। माता के दरबार में,मिलते हैं सब ज्ञान॥ संकल्प- मेरा … Read more