सुरक्षा-शान्ति-समृद्धि के लिए युद्ध आवश्यक

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* जी हाँ,समृद्धि शान्ति से ही सम्भव है और शान्ति के लिए युद्ध आवश्यक है,जिसका इतिहास ही नहीं बल्कि धार्मिक ग्रंथ भी साक्षी…

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वक्त जरूर याद रखेगा संवेदना की ‘छपाक्’ को

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** फिल्म बनाना और उसका चलना न चलना बेशक एक व्यवसाय है,लेकिन कुछ अच्छी और सोद्देश्य फिल्मों का न चलना अथवा कम चलना समाज की संवेदनशीलता और…

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संस्कृति संरक्षण और शिक्षा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** यह कल्पना करना ही भयावह लगता है कि अगर शिक्षा न होती तो क्या होता ? अगर शिक्षा न होती तो प्राचीनतम् विचारों का क्रमबद्ध…

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युद्ध का अंधेरा नहीं चाहता कोई भी राष्ट्र

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* अमेरिका एवं ईरान के बीच बढ़ते तनाव से बनती विश्व युद्ध की स्थितियों ने समूची दुनिया को संकट में डाल दिया है। इन वैश्विक तनावों के…

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एकता और नागरिकता

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** लगभग डेढ़ माह से पूरे देश में नागरिकता पर चर्चा,प्रदर्शन,आंदोलन,हिंसा,आरोप-प्रत्यारोप के कारण नकारात्मकता का इतना विषैला वातावरण हो रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने चिंता…

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कश्मीर को भी अब ‘ऑनलाइन’ लाना ही होगा…

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** संदर्भ भले जम्मू-कश्मीर का हो,लेकिन इसकी व्याप्ति संपूर्ण देश और मानव समाज तक है। शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार द्वारा इंटरनेट सुविधा पर मनमानी पाबंदी…

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पर्यावरण संकट:सबसे बड़ी चुनौती

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग में झुलसकर करीब ५० करोड़ निरीह जानवरों की मौत हो चुकी है। इनमें स्तनधारी पशु, पक्षी और रेंगने…

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परीक्षा:उम्मीदवार की या जनता की

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** जनतन्त्र जनतामय होता है। जनता के बीच से जनता द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि जननायक,जननेता,जनसेवक या ऐसे ही बहुतेरे विशेषणों से सुशोभित होता है। ग्राम पंचायत…

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विश्व-हिंदीःनौकरानी है अब भी

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** आज 'विश्व हिंदी दिवस' है लेकिन क्या हिंदी को हम विश्व भाषा कह सकते हैं ? हाँ,यदि खुद को खुश करना चाहें या अपने मुँह…

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आधुनिक मानव के आदर्श प्रतिनिधि

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** स्वामी विवेकानन्द जयन्ती (१२ जनवरी)विशेष................ स्वामी विवेकानन्द (जन्म-१२ जनवरी १८६३:मृत्यु- ४ जुलाई १९०२) वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ…

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