२०५० की होली

विजयलक्ष्मी जांगिड़ ‘विजया’  जयपुर(राजस्थान) ***************************************************************** एक दिन स्कूल का प्रोजेक्ट करते-करते, बेटे ने पूछा- "पापा ये रंग क्या होते हैं ? कहाँ मिलते हैं ?" मैं जो वाट्सएप पर, अपनी…

Comments Off on २०५० की होली

यूँ मने होली

डॉ.गोपाल कृष्‍ण भट्ट ‘आकुल’  महापुरा(राजस्‍थान) *************************************************************************************** (रचना शिल्प:मापनी-२१२२ २१२२ २१२२ २१२ ,पदांत-का डर न हो,समांत-अने) रंग होली में लगें यूँ भीगने का डर न होl भंग होली में पियें पर…

Comments Off on यूँ मने होली

होली का त्यौहार

गोपाल कौशल  नागदा (मध्यप्रदेश) *********************************************************** गुलाल की बौछार, पिचकारी की धार। गुझिया की मिठास, रिश्तों में भरे प्यारll होलिका का संहार, जीते प्रहलाद कुमार। बुराई का होता अंत, कहे होली…

Comments Off on होली का त्यौहार

होली का हुड़दंग

छगन लाल गर्ग “विज्ञ” आबू रोड (राजस्थान) **************************************************************************** नशे में नैन कजरारे,कहें होली सुहानी हैंl बड़ी इठला रही देखो,अभी निखरी जवानी हैंl चलो रंगीन हो जाये,मजे में चूर हो जायेl…

Comments Off on होली का हुड़दंग

होली

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** सात रंग में सबसे गहरा,है ये प्रेम का रंग, बरस-बरस आती है होली,भीगे इक-इक अंग। रंगों का बन इंद्रधनुष,चहुंओर उड़े है गुलाल,…

Comments Off on होली

होली

हरिशंकर पाटीदार ‘रंगीला’ देवास(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** बसन्त बहार आयी रंगों की फुहार छायी होली का त्यौहार आज मिल के मनाएंगे। मन में उमंग भर हर हाथ रंग धर अपनों के संग-संग…

Comments Off on होली

देख नज़ारा होली का

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* पहले ही थे गाल गुलाबी, रंग चढ़ गया होली का। साजन ने मारी पिचकारी, निखर गया रंग चोली का। यौवन पर हुआ देहरी के,…

Comments Off on देख नज़ारा होली का

मेरी अभिलाषा

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** माँ अगर मैं पक्षी होती दुनियाभर की सैर कराती, अच्छे-अच्छे फल तोड़ लाती खूब मजे से तुम्हें खिलाती। शोर गुल नहीं मिलता मुझको ऊपर से उड़…

Comments Off on मेरी अभिलाषा

आयी होली

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* रंग-रँगीली, आयी होली चुन्नू आओ, आओ मुन्नीl भर-भर लाओ तुम पिचकारी, रंगों की बौछार से कर दो पीली धरती नीला अम्बरl तुम हो गिनी कितनी…

Comments Off on आयी होली

होली में

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  ************************************************** कोई भी बुरा काम ना हो,बस प्यार ही प्यार हो होली में, नजर नजरिया बदलकर रखना अपनत्व हो बोली में। शुभ आगमन हो…

Comments Off on होली में