मानवीय संबंधों की कहानी है `सेवा`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** हिंदी साहित्य में उपन्यास का एक महत्वपूर्ण स्थान है। बहुत कम ही लोग जानते हैं कि उपन्यास का जन्म बंगाल की धरती पर हुआ था और श्रीनिवास दास द्वारा लिखित परीक्षा गुरु हिंदी साहित्य का प्रथम उपन्यास माना जाता है। प्रेमचंद को आधुनिक उपन्यास का जनक कहा जाता है। रेनुका … Read more

‘हर्ष’ का गुमनाम एहसास है `खामोश दर्द`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** वर्तमान अंकुर प्रकाशन के बैनर तले सम्पादक निर्मेश त्यागी द्वारा प्रकाशित प्रमोद कुमार ‘हर्ष’ की पुस्तक खामोश दर्द का एक अलग ही स्थान है। पुस्तक को प्रसिद्ध कवि एवं लेखक राजेश मल्होत्रा ‘राज’ ने सम्पादित किया है। यह पुस्तक कहानियों एवं कविताओं का मिला-जुला संग्रह है। पुस्तक में संग्रहित कविताओं … Read more

मन में संजोकर रखने योग्य है `मन की अभिलाषा`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** बिहार की धरती में साहित्यकारों का उदभव कोई नई बात नहीं है। कहते हैं कि बिहार और साहित्य का अटूट नाता है। प्रखर गूँज प्रकाशन के सानिध्य में प्रकाशित इस एकल संग्रह मन की अभिलाषा के रचयिता डॉ.छेदीलाल केशरी भी इसका एक उदाहरण है। कैमूर बिहार के रहने वाले डॉ.केशरी … Read more

रोचक और ज्ञानवर्धक कृति `पेड़ लगाओ`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** कविता लिखना जितना आसान समझा जाता है,उतना होता नहीं है। कवि को तात्कालिक परिस्थितियों का गहन अध्ययन करना पड़ता है,उन स्थितियों से जूझना पड़ता है। तब जाकर किसी रचना का निर्माण होता है,और फिर बाल साहित्य,बाल कविताओं का सृजन करना तो और भी कठिन कार्य है। जहां आजकल बड़े अखबारों … Read more

परिंदों को मिलेगी मंज़िल यक़ीनन

डॉ.चंद्रेश कुमार छतलानी  उदयपुर (राजस्थान)  ************************************************************************** वैसे तो हर विधा को समय के साथ संवर्धन की आवश्यकता होती है, लेकिन लघुकथा एक ऐसी क्षमतावान विधा बन कर उभर सकती है जो स्वयं ही समाज की आवश्यकता बन जाये,इसलिए इसका विकास एक अतिरिक्त एकाग्रता मांगता है। हालांकि,इस हेतु न केवल नए प्रयोग करना बल्कि इसकी बुनियादी … Read more

गहराई से जीवन के रंगों से परिचय करवाती `सात रंग जिंदगी के`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** कविता सदा से ही मनुष्य के अंत:करण में उठे भावों को स्वर देने का एक सशक्त माध्यम रही है। समय के साथ कविता के विषय,शिल्प एवं भाषा में परिवर्तन होते रहे हैं। पुरातन विषय परिवर्तित होकर समसामयिक हो गये हैं,पर अनेक विषय ऐसे हैं जो मनुष्य के मस्तिष्क और साहित्य … Read more

रोचक और चिंतनशील कृति ‘साथ नहीं देती परछाई’

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** ‘साथ नहीं देती परछाई’ इंदौर के प्रसिद्ध आशुकवि प्रदीप नवीन का पहला ग़ज़ल संग्रह है। उनकी पूर्व में गीत,काव्य और व्यंग्य पर कृतियां प्रकाशित हो चुकी है। पाँच दशक से नवीन जी लेखन और साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय हैं,लेकिन गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करते हैं। यही वजह है कि … Read more

खूबसूरत ग़ज़लों का संग्रह है `इशरते-क़तरा`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** प्रखर गूँज प्रकाशन के तत्वाधान में देशपाल राघव वाचाल एवं संगीता कासिरेड्डी के कुशल सम्पादन में ग़ज़ल (साझा) संग्रह इशरते-क़तरा प्रकाशित हो चुका हैl पूरे देश के विभिन्न स्थानों से १९ ग़ज़लकारों की रचनाएं इसमें सम्मिलित हैं,जिसमें कुछ नवांकुर तो कुछ मंझे हुए रचनाकार भी हैं। सर्वप्रथम देशवाल राघव की … Read more

हर विधा में परिपूर्ण है ‘काव्यांजलि’

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** पुस्तक समीक्षा……………….. वर्तमान अंकुर प्रकाशन के अंतर्गत साझा काव्य संग्रह की श्रृंखला में ‘काव्यांजलि’ हर प्रकार की विधाओं से परिपूर्ण एक खूबसूरत संग्रह है। इस संग्रह का संपादन निर्मेश त्यागी ने किया है। १२ कवियों की रचनाओं से परिपूर्ण यह काव्य संग्रह पाठकों को आकर्षित करता है। हरियाणा के देशपाल … Read more

उत्तराखंड की आवाज है ‘पहाड़ी गूंज’

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** वर्तमान अंकुर के तत्वाधान में प्रकाशित साझा काव्य संग्रह पहाड़ी गूंज में हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड के रचनाकारों ने अपना अप्रतिम योगदान दिया है। साझा संग्रह तथा क्षेत्रीय साझा संग्रह की श्रृंखला में यह पुस्तक अपना एक अलग स्थान रखती है। पुस्तक का संपादन निर्मेश त्यागी ने किया है तथा … Read more