हरो दुःख-सन्ताप

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम.... भक्ति जगा दो शंभु शिव, जीवन होवे धन्य।घट-घट वासी आप हैं, बना हमें चैतन्य॥ निभा सकूँ निज धर्म को, देना मुझको ज्ञान।कहे…

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भावों का समन्दर

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** कोरे कागज पर अपनी,भावनाओं को लिख डालिएबिखरे हुए जज्बातों को,एक लफ्ज़ में कह डालिए। बड़ा गहरा होता है,भावों का समन्दरदिल के अरमानों को,आँखों से बह जाने दीजिए।…

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झुलस रहे लोग

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* झुलस रहे हैं लोग अब, सूर्य किरण अतिताप।तीक्ष्ण धूप लू दहकता, ढूँढ रहे जन आप॥ मातम गर्मी चहुँ दिशा, झुलस रहे हैं लोग।कूलर ए.सी.…

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प्रकृति का सौंदर्य

डॉ. सुनीता श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)*************************************** ज़िन्दगी की राहों में, विचारों की ढलान,प्रकृति की सुंदरता, विश्वास का स्थान। पर्वतों की ऊँचाई, समुद्र की गहराई,प्रेरणादायक प्रकृति, खोज में विचारी। वनों की घनी छाँव,…

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चलो खो जाएँ वादियों में…

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* उबलती तपिश से दूर,पर्वत पुकारें सूदूर। इन झुलसती गर्मियों में,पहाड़ियों की ऊँचाइयों में। मिल सके कुछ पल सुकून,थोड़ी-सी ठंडक और राहत का जुनून। झरने, नदी, ताल,…

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सपनों को बुन लो

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ सपनों को तुम बुन लो,अरे आकाश को तुम छू लो…तुम युवा हो देश के, देश भी युवा है,फिर तुम क्यों पीछे रहो ? आत्मनिर्भरता, स्वाभिमान,…

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ऐसे ही चलती है…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** जिंदगी ऐसे ही चलती है।हर दिन हाथ से फिसलती है॥ जो सोचता हूँ, वह रह जाता है,समय का पहिया कुछ कह जाता है।फिर उठता हूँ हौंसले से,…

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जाग तुझको दूर जाना

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** आज तू है व्यस्त माना,या कि होगा पस्त, मानापर, नहीं हो हार तेरी,जाग तुझको दूर जाना। व्यथित पीड़ा, व्यस्त डोले,तिमिर पथ की राह खोलेमनुज का तू पहन…

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सुन मेरी अरदास नाथ

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम.... शंभु-शिवा तुझको नमन, मेरे पालनहार।सदा शीश पर हाथ हो, हो जाऊँ भव पार॥ सुन मेरी अरदास को, झटपट आना नाथ।चरणों में नित…

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अवसर जन-अभिव्यक्ति का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* राजनीति सरगर्मियाँ, लोकसभा मतदान।अवसर जन अभिव्यक्ति का, रचना तंत्र विधान॥ लोकतंत्र साक्षी बने, चलें करें मतदान।योगदान चहुँ प्रगति दें, लोकतंत्र सम्मान॥ फिर चुनाव मंथन…

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