अच्छे विद्यालय,अच्छे गुरु और अच्छा स्नेह मिला

सविता धरनदिया(पश्चिम बंगाल)**************************** मेरा विद्यार्थी जीवन स्पर्धा विशेष….. ‘विद्यार्थी’ २ शब्दों के मेल से बना है-विद्या व अर्थी। विद्या का अर्थ हुआ ज्ञान और अर्थी माने चाहने वाला। देश का एक अच्छा नागरिक हम तभी हो सकते हैं,जब हम अपने अध्ययनकाल में अच्छे विद्यार्थी होंगे। ऐसे ही मेरा विद्यार्थी जीवन बहुत अच्छा था। बचपन से … Read more

कब आओगे साजन

नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)**************************************** घर,आँगन,गलियाँ,चौराहे,सूने-सूने लगते हैं।वापस कब आओगे साजन,राह तुम्हारी तकते हैं॥ चिड़ियाँ फुदकें आँगन में आ,पहले जैसी बात नहीं।खिलें फूल खुशबू भी देते,उसमें वैसी रास नहीं।पवन झकोरे मद्धिम-मद्धिम,बेमन-बेमन बहते हैं,घर,आँगन,गलियाँ,…॥ सूरज रहता है दिनभर पर,ना बोले,ना बतियाये।हाल रात का भी ऐसा है,लगे,अश्क़ अब झलकाये।चाँद,सितारे गुमसुम बैठे,खोये-खोये रहते हैं,घर,आँगन,गलियाँ,…॥ चारों तरफ उदासी पसरी,दूर-दूर तक तनहाई।हूक … Read more

यहीं कहीं कैलाश में

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** यही कहीं कैलाश मेंआत्म चहक रही मेरी,सावन की बरसात में-मिट्टी महक रही मेरी। प्रीत में शीत नहींजीवन में जीत नहीं,हार जाऊं बन हार मैं-लिपट गले महकूं तेरे। स्पर्श पवन पा रहीतरंग उर समा रही,त्वरित मिलन को देह-नित बहका रही मेरी। महेश हो,मधमहेश होतांडव कारी परमेश हो,त्राहिमाम पापों की-आत्म मांग रही मेरी। आषुतोष,शशांक … Read more

स्वर्ग-नर्क का द्वार यहीं

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** स्वर्ग सभी को ही चाहिए,करके लाख नारकीय करमदौलत से कोई ना खरीद पाया,जिसने पाला यह भरम,जिसने पाला यह भरम,चाहता है जाना स्वर्ग बार- बारमंदबुद्धि को समझाइए,स्वर्ग-नर्क का यहीं से है द्वार,स्वर्ग-नर्क अलग नहीं है,बसी हुई कोई दूसरी दुनियापापों का फल नर्क है,स्वर्ग चाहिए तो कमाओ पुण्य। स्वर्ग-नर्क तो बस है कल्पना,जीवन … Read more

अपना-पराया

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ कौन अपना है कौन पराया।कोई ये कभी जान न पाया। मुहँ के सामने मीठी बातें,पीठ पर ख़ंजर चलाया। सुबूत दे तो कैसे दें ख़ुदा,इन झूठों ने मुझे फँसाया। मेरे घर में घुस मुझे ही लूटा,जिस पर फ़र्जन का दिल है आया। अंधा गूंगा बहरा प्यार नहीं जानता,उसे किस नागिन ने है भरमाया। जब … Read more

बढ़ता हिंदुस्तान लिखूँ

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* हिन्द देश का गौरव गान लिखूँ,या ये अतुल्य भारत महान लिखूँ।अनुपम उदाहरण है मेरा यह देश-कितनी इसकी आन-शान लिखूँ॥ योग मुद्रा ज्ञान ध्यान लिखूँ,अनगिनत भाषा परिधान लिखूँ।विविधता में एकता मंत्र देश का-सोने की चिड़िया हिंदुस्तान लिखूँ॥ गीता रामायण तुलसी रसखान लिखूँ,विश्व गुरु भारत की पहचान लिखूँ।लिखूँ क्रिकेट विश्वविजेता की कहानी-हॉकी जादूगर ध्यानचंद … Read more

मेरे स्वप्न का कश्मीर

असित वरण दासबिलासपुर(छत्तीसगढ़)*********************************************** यहाँ की वादियों में सुना है,प्रेमिकाओं की पायल की झंकार गूंज उठती हैअपरूप प्रकृति ही है,जो इंसान की प्रकृति बनकरकितने ही दिलों में धड़कती है। घाटी के पहाड़ों से,दरख्तों से,जो आवाजें वापस आती हैंउनमें प्रेम की ही जुबान चलती है,जो अजान से अजान तक,चेहरे से चेहरों तक सुनी जाती है। मैं उन … Read more

देवाधिदेव महादेव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ****************************************** औघड़दानी,हे त्रिपुरारी,तुम प्रामाणिक स्वमेव।पशुपति हो तुम,करुणा मूरत,हे देवों के देव॥ तुम फलदायी,सबके स्वामी,तुम हो दयानिधानजीवन महके हर पल मेरा,दो ऐसा वरदान। आदिपुरुष तुम,पूरणकर्ता,शिव,शंकर महादेव,नंदीश्वर तुम,एकलिंग तुम,हो देवों के देव…॥ तुम हो स्वामी,अंतर्यामी,केशों में है गंगाध्यान धरा जिसने भी स्वामी,उसका मन हो चंगा। तुम अविनाशी,काम के हंता,हर संकट हर लेव,भोलेबाबा,करूं वंदना,हे … Read more

सावन आया अपने द्वार

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’शेखपुरा(बिहार)********************************************* बहने लगी बरसाती बयार,बूंदों की होने लगी है बौछारधरती पर फिर छाया है बहार,देखो सावन आया अपने द्वार। प्रेम अग्नि में जले तन-मन अंतरंग,दिल में मेरे हैं अनोखी उमंगधरती गगन में उठे हैं तरंग,मन में मधुर हैं खुशियां अपार।देखो सावन आया अपने द्वार… अब आया पावस का खु़मार,नदियों … Read more

मैं भारत हूँ

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** आघात बहुत सहता आया अब और नहीं बस और नहीं।मैं भारत हूँ अब कहता हूँ दुश्मन को कोई ठोर नहीं॥ उत्तर में पर्वतराज हिमालय करता मेरी रखवाली,जैसे बगिया की रखवाली करता है बगिया का माली।सक्षम हैं हर सैनिक मेरा मैं किसी तरह कमज़ोर नहीं।मैं भारत हूँ अब कहता हूँ दुश्मन को … Read more