बदला

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बदला- बदला लिया कलिंग ने,किया मगध का ह्रास! दोनो तरफ विनाश बस,पढ़िए जन इतिहास! पढ़िये जन इतिहास,सत्य जो सीख सिखाए! भूत भावि संबंध,शोध नव पंथ दिखाए!…

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जय श्रीराम

राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ टीकमगढ़(मध्यप्रदेश)  ********************************************************************* बिगड़े काम, सब बन जाते हैं- जय श्री राम। सुबह-शाम, शत्-शत् प्रणाम- जय श्री राम। करिए ध्यान, जीवन हो आसान- जय श्री राम। पूजे…

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‘कोरोना’:संकट जाते-जाते मानव जाति को कई सबक

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** 'कोरोना' का यह संकट जाते-जाते मानव जाति को कई सबक देकर जाएगा। यह मनुष्य को नए तरीके से जीना सिखा कर जाएगा। यह मनुष्य…

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आराधना

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** माँ की छाँव में, ममता के ममत्व से दिल को छू लेने वाली तू, करो आराधना माता की। जहाँ मिले आत्मा को, शान्ति स्वभाव में शरण…

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घातक ‘कोरोना’:सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** चीन की वुहान-भूमि से उपजा 'नॉवेल कोरोना' विषाणु आज दुनिया के लिए मृत्यु का पर्याय बन गया है। वुहान शहर मृतप्राय पड़ा है। स्पेन,इटली और…

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जान है तो जहान है

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** नहीं लग रहा है मन, अब अपने ही घर में। इतने दिन गुजारे हैं तो, और भी निकल जाएंगे॥ जो नहीं रहते थे घरों में, अपने-अपने…

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भय बिनु होइ न प्रीति

नवेन्दु उन्मेष राँची (झारखंड) ********************************************************************* हमारे देश में पिटाई और पिटाई शास्त्र का बड़ा महत्व है। घर में अगर बच्चे उधम मचाते हों तो माता-पिता दो तमाचा बच्चों पर जड़…

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दया करो माँ

महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़  ************************************************** दीन-हीन हम बालक माता,पास तुम्हारे आए, दया करो हे अम्बे माता,और कहाँ हम जाएं। विपदा में हम पड़े हुए हैं,अब तो हमें बचाओ,…

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गाँव जाना है

देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार)  ************************************************************* लाचार पथिक सामने अनन्त दूरी है, जीऊँ कैसे,जीना भी तो मजबूरी है। वक्त की गर्दिशों की गहन धूल, अन्जान अजनबी-सा जीवन मूल। रोग क्या…

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नानी

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** ग्रीष्मावकाश, नानी की याद आयी... मस्ती के पास। नानी के घर, जाने का इन्तजार... करता मन। नानी का गाँव, मस्ती की पाठशाला... प्यार की…

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