टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सीमा पर पकड़ बनाने को,भारत को अकड़ दिखाने को,लद्दाख क्षेत्र की सरहद पर,आया क्यों हमें डराने को। खिंच गया माथ संशय लेखा,टूटी अतिक्रमण की रेखा,अपनी सीमा…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सीमा पर पकड़ बनाने को,भारत को अकड़ दिखाने को,लद्दाख क्षेत्र की सरहद पर,आया क्यों हमें डराने को। खिंच गया माथ संशय लेखा,टूटी अतिक्रमण की रेखा,अपनी सीमा…
अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश) ****************************************** एक तरफ राजनीति के मैदान में देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी पश्चिम बंगाल में अपनी सत्ता बचाने की जी-तोड़ कोशिश में लगी हैं,दूसरी तरफ खेल…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** शोध-अध्ययन..... सबसे पहले हमें भोजन और आहार में अंतर समझना चाहिए। भोजन यानी भोग से जल्दी नष्ट होना,जबकि आहार यानी जो आरोग्यवर्धक और हानिरहित होता है। शाकाहार यानी…
विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* सूरज की स्वर्णिम किरणें लाता सवेरा,पूरब से निशदिन जब आता सवेरा।पक्षियों का कलरव एक राग छेड़ता,नभ पर लालिमा जब सजाता सवेरा। कोयल,पपीहा सब मीठी कूक लगाते,भोर…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)***************************************************** प्रेम शब्द में नहीं,भावों में हैंसूरज में नहीं,व्याप्त रोशनी में है।धूप में नहीं,फैली किरणों में हैआसमां में नहीं,सितारों के सौन्दर्य में है।वीरान पर्वत में नहीं,बहते…
तृषा द्विवेदी ‘मेघ’उन्नाव(उत्तर प्रदेश)***************************************** संतप्त धरा की तृषा है मेघ,मेरे संतप्त हृदय की चिर प्रतीक्षा हो तुम।यह आकुल अंतर,जैसे वेदना का रत्नाकरसंचित सारे अनुभवप्रिये!तुम्हारे भव्यागमन के पश्चात,तुम्हारे सम्मुख मैं रखूँगीतुम…
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* मैं क्या अस्तित्व समाहित,परमेश्वर सदा जो मन में। नहीं रुप ना कोई काया,यह है ब्रहमांड उपवन में। अजर-अमर सदा है माने,समझे मानुष 'मैं' है तन…
नमिता घोषबिलासपुर (छत्तीसगढ़)**************************************** अब मैं देख सकती हूँ आकाश का रंग बदलना- खानाबदोश लड़कियों के घाघरे का रंगकतार में उड़ती चिड़ियों का कतार में घर लौटना,ऊँटों का सिर उठा कर…
ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आज हवाएं है तेजाबी,और दुनिया उड़ने बेताबहै नहीं उड़ने में खराबी,पर थोड़ा-सा रुको जनाब। आफत का अंतरजाल बिछा,मृत्यु कर रही है अट्टहासदवा नहीं नफरत बीमारी,घृणा छोड़ उम्र करे…
निशा 'सिम्मी'साहिबगंज (झारखण्ड)********************************* वह ज़मीं भी हैं क्या,जिसमें ज्वाला न होवह पर्वत भी हैं क्या,जिसमें नज़ारा न हो। वह फ़िज़ा भी क्या,जिसमें इशारा न होवह बिजली भी क्या,जिसमें शरारा न…