भाईचारा,उनकी ही परिपाटी थी
ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)*************************************** कद काया में निश्चित उनकी,कुछ छोटी-सी काठी थी,और सहारे की खातिर,सदा हाथ में लाठी थी।लेकिन चिंतन में तो उनके,हिमगिरि भी झुक जाता था-प्यार-मुहब्बत-भाईचारा,उनकी ही परिपाटी थी॥ परिचय-ओमप्रकाश…