नव ऊर्जा दे प्रेरणा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************ जीवन के संघर्ष सदा ही ,लघु साफल्य नवास उदय है।यायावर नवजोश पूर्ण रत,उड़े व्योम विश्वास अभय है। मिले उसे संजीवन जीवन,नित प्रयास संघर्ष सुगम है।नव ऊर्जा दे सतत प्रेरणा,संभावित उत्कर्ष अटल है। अधिगम हर्षित लघुतर जीवन,प्रेरक दुर्गम पथ प्रयाण है।जीवन जीने की कला सीख,अनुशीलन अवदान सरल है। हर बाधा … Read more

जल्दी निर्णय करना होगा

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************ पहले कोरोना एक था आया,अब है रूप कई धर लायात्रस्त हुआ तंत्र और शासन,पस्त है गण और प्रशासन। कान सुनते थे वुहान-वुहान,अब केवल गई जान-जानहर आयु का पीड़ित अबकी,धधक रहे हर पल श्मशान। कभी पर्यावरण की बात थी,प्राणवायु सबके ही साथ थीसैंकड़ों आक्सीजन बिन गुजरे,शव ही शव कोई न जात थी। … Read more

आक्सीजन कहाँ है!

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* आक्सीजन अब ढूँढ रहे हो।मत काटो क्या पेड़ कहे हो॥ वर्तमान में मानुष रोता।लोभ मोह में सब-कुछ खोता॥ कलयुग का यह है संदेशा।कभी लगाया नहि अंदेशा॥ प्रतिपल मानुष जूझ रहा है।वृक्ष न काटो कभी कहा है॥ जीवन तो है बस वृक्ष जहाँ है।आक्सीजन बस मिले वहाँ है॥ आज सबक हमको लेना … Read more

जनजागरण हेतु कराई ऑनलाइन काव्य गोष्ठी

इंदौर (म.प्र.)। वैश्विक महामारी के इस कालचक्र में मानवता व जनजागरण के सकारात्मक चिंतन में योगदान हेतु साहित्यिक संस्था नई क़लम द्वारा ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें नगर व प्रदेश के अनेक क़लमकारों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से जनसामान्य के स्वास्थ्य लाभ तथा मनोबल हेतु मंगलकामनाएं प्रेषित की।संस्था उपाध्यक्ष कवि विनोद … Read more

मैं मजदूर…बहुत मजबूर

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** मैं हर नींव का मजदूर,बहुत मजबूर,पेट की खातिर,हर खुशी से-घर से दूर। बहता हर सुबह-शाम मेरा पसीना,मुश्किल हुआ रोटी की खातिर जीना। मजबूर,पर नहीं हारता हिम्मत कभी,नींव से ताजमहल तक सृजन मेरे सभी। संतोषी हूँ दिल से,लालच करता नहीं,करुँ महल खड़े,पर पेट भरता नहीं। मैं गरीब,सदा बेबस-कैसी लाचारी,फुटपाथ ही जिंदगी,किसको फिक्र हमारी। … Read more

कोरे सपने बुनता रहता

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* दुनिया की सारी इमारतें सब श्रम कौशल की माया है,बजरी-पत्थर ढोते-ढोते टूटी श्रमिक की काया है।हाथों में छाले हैं जिसके कांधे,पैरों पर हैं निशान,महलों को जिसने खड़ा किया,इक रात नहीं सो पाया है॥ पूरे दिन पत्थर तोड़-तोड़ अपनी किस्मत धुनता रहता,रूखी-सूखी दो रोटी खा कोरे सपने बुनता रहता।मंदिर-मस्जिद का निर्माता सड़कों … Read more

जीवन है बस नाट्य मंच

सुजीत जायसवाल ‘जीत’कौशाम्बी-प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)******************************************* मृत्यु प्रेयसी नहीं बेवफ़ा न ही देगी किसी को धोखा,निर्धन हो या सम्राट अशोका,घी खा-चाहे खा बाटी चोखामाथ में शोभित दुर्घटना बिंदी बीमारी है हस्त की चूड़ी,बाढ़,भूकंप,निर्दयी ‘कोरोना’,हत्या धर रूप अनोखा। आई सीयू कक्ष में हो प्रस्तुत प्रेमिका मंद-मंद मुस्काती,भर निज बाँह चीरे चीरगृह में निर्वस्त्र देख इठलातीनव सोलह श्रंगार संग … Read more

सहम गए सारे पक्षी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ सहम गए यूँ सारे पक्षी,चीं-चीं करना छोड़ दियामानव के हालात देखकर,रब से रिश्ता तोड़ दिया। एक डाल पर बैठे सारे,मन ही मन क्या सोच रहेभूख लगी है फिर भी देखो,जाने से संकोच रहे। फैल रहा है कहर शहर में,हर तरफ मौत साया हैपक्षी सारे सहम गए हैं,ये कैसा दिन … Read more

जरूर जीतकर आएंगे

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* मत हारो हिम्मत कि एक दिन खुशी फिर लौट कर आएगी,हारेगा ये हठी ‘कोरोना’ भी और किस्मत फिर लहलहाएगी।फिर से वही चमन फूलों के महकेंगे खूबसूरत बनकर-बातें मिलने-जुलने की फिर से हम सबको खूब भाएगी॥ माना कि अभी हालात खराब और गमों का शोर है,यह समय तो बहुत चुनौती का और इम्तिहानों … Read more

पूर्वजों से ज्ञान मिला

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ मिले संस्कार पूर्वजों से,सदा बड़ों का आदर करना,ऊँच-नीच का भेद मिटा के,सबसे मिल के रहना। गौ माता की सेवा करना यह हिन्दू धर्म सिखाया है,हाथ पकड़ कर उसने मेरा,सूर्य को अर्घ्य दिलाया है। संस्कार दिए हैं पूर्वजों ने,माता-पिता की सेवा करना,अनुजों को प्यार करना,गुरु आज्ञा का पालन करना। देश धर्म ही … Read more