अन्वेषक महानायक राजा भोज और उनकी ज्ञान साधना

प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा उज्जैन (मध्यप्रदेश) **************************************************************** भारत में ज्ञान साधना की अटूट परम्परा रही है। सदियों से अनेक मनीषियों ने अन्वेषण के सिलसिले को बनाए रखा है। इस परम्परा में…

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दिव्य ज्योति है नारी

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** वो दिव्य ज्योति है, जो जल कर ज्ञान देती है वो शब्द नहीं वो भावना है, नारी से सारी शुभकामनाएँ हैं। सब रिश्तों को वो निभाती…

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सभी मिल खेलें होली

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* होली के त्यौहार में,उड़े अबीर गुलाल। रंगों की बौछार से,हुए चेहरे लाल॥ हुए चेहरे लाल,सभी मिल रंग लगाते। खाते हैं पकवान,सभी ये पर्व मनाते॥ कहता…

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कौन…!

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** अनगिनत लहरें आती हैं, बहा के मुझे अनंत में ले जाती है। यह कौन...? उस शून्य से पुकारता है...मुझे, यह कौन...............? उस राह से…

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ऐसा मित्र सबको मिले

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** अकल का है वह पक्का,करे है बहुत काम, दोस्त वह अच्छा सबसे,अशोक उसका नाम। खूब डटकर काम करे,दिन हो या हो रात, मेहनत से डरे नहीं,डर…

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आखिर सत्ता की खातिर…

अजय जैन ‘विकल्प’ इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** और आखिर मध्यप्रदेश में भी गुटबाजी में उलझी कांग्रेस के सामने सत्ता की चाशनी में पूर्व सांसद-मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ऐसी डुबकी मारी कि,कमल नाथ…

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क्या कह दूँ…

सत्येन्द्र प्रसाद साह’सत्येन्द्र बिहारी’ चंदौली(उत्तर प्रदेश) ***************************************************************************** तेरे हुस्न की इबादत में आज क्या कह दूँ, चौदहवीं के चाँद को भी तेरा नूर कह दूँ। लफ़्ज लड़खड़ाते हैं मेरे तेरे…

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व्यंग्य और हास्य का बेहतरीन संतुलन ‘डेमोक्रेसी स्वाहा’

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** बहुत छोटी उम्र में व्यंग्य के क्षेत्र में अपनी पैठ बना चुके सौरभ जैन का हाल ही में पहला व्यंग्य संग्रह ‘डेमोक्रेसी स्वाहा’ (भावना प्रकाशन,दिल्ली)…

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तेरे शहर में दीवाने…

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) *************************************************************************** सुना है तेरे शहर में दीवाने बहुत हैं, दीवाने तो हैं मगर तेरे दीवाने बहुत हैंl तबाह हो गया है सारा शहर एक रात…

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चम्पा का फूल

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* चम्पा के फूल जैसी काया तुम्हारी, मन को आकर्षित कर देती जब, खिल जाती हो चम्पा की तरह। भौंरे..तितलियों के संग जब भेजती हो सुगंध…

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