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दिव्य ज्योति है नारी

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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वो दिव्य ज्योति है,
जो जल कर ज्ञान देती है
वो शब्द नहीं वो भावना है,
नारी से सारी शुभकामनाएँ हैं।

सब रिश्तों को वो निभाती है,
माँ बन कर सारे सपने सजाती है
बहिन बन कर रिश्तों को अपनाती है,
नारी ही रिश्तों को रिश्ता बनाती है।

पत्नी बन कर प्रेम को लुटाती है,
वो भक्ति में कभी मीरा होती है
वो शक्ति में दुर्गा माँ जगदम्बा होती है,
सीता बन कर राम का साथ देती है।

वो मोहन की दीवानी राधा होती है,
नारी है देवी शक्ति,जिसकी पूजा हम करते हैं
वो पन्नाधाय थी जिसने अपने पुत्र को बलि चढ़ाया,
स्वाभिमान के लिए पद्मावती ने जौहर दिखाया।

खूब लड़ी वो मर्दानी वाली झाँसी की रानी,
विज्ञान में कल्पना चाँद छू कर आई
वो नारी इंद्रा थी जिसने अपने लोहा मनवाया था,
भारत माँ का मान रखा भारत की नारी ने।

सुषमा स्वराज ने विश्व में भारत का मान बढ़ाया था
सोनिया ने दूसरों को प्रधानमंत्री बना कर देश चलाया था।
निर्मला ने कभी रक्षा तो आज वित्तमंत्री का पद निभाया है,
नारी ने राजनीति में सारी भूमिका निभाई है॥

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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