उत्तरशती के विमर्शों के बीच साहित्य की सत्ता के सवाल

प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा उज्जैन (मध्यप्रदेश) **************************************************************** साहित्य की सत्ता मूलतः अखण्ड और अविच्छेद्य सत्ता है। वह जीवन और जीवनेतर सब-कुछ को अपने दायरे में समाहित कर लेता है। इसीलिए उसे…

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ट्रम्प की यात्रा सिर्फ नौटंकी नहीं

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इस भारत-यात्रा से भारत को कितना लाभ हुआ,यह तो यात्रा के बाद ही पता चलेगा लेकिन ट्रम्प ऐसे नेता हैं,जो…

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होली की धींगामस्ती

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* 'हेलो आकाश'... स्वदेश ने मोबाइल पर अपने मित्र का हाल जानना चाहा,पर फोन किसी ने उठाया नहीं। उसने पुन: मोबाइल का नम्बर मिलाया।…

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बेटा है द्वार तरक्की का

अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** बेटा है द्वार तरक्की का, मधुऋतु है ये मधुशाला है। जो जीवन करता आनंदित, बेटा फूलों की माला हैll है स्वर्ण भरा घट…

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तनाव को कम करने के प्रयास भी सुधार की राह

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* चिकित्सक की गलतियों को रोगी भोगते हैं। पिता की गलतियों को बच्चे भोगते हैं। उसी प्रकार बच्चों की गलतियों का दण्ड माँ-बाप…

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वक्त की दरकार

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** वक्त की दरकार है, वक्त को समझो तो बेड़ा पार है। वक्त ही वक्त आने पर, तरह-तरह का एहसास करा देता है। वक्त भी न…

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`शुभ मंगल` ज्यादा सावधान

इदरीस खत्री इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************* एक ऐसा विषय जो कटाक्ष है समाज पर,ये शुभ है तो मंगल नहीं,सिर्फ सावधान होना होगाl निर्देशक हितेश केवल्य की इस फिल्म `शुभ मंगल` में अदाकार…

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प्राची

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** प्राची के तट से उठकर दिनकर मुस्काये, खग कुल ने मधुरस में भींगे गीत सुनाये। कर्मवीर चल पड़े सपन को पूरा करने, जिससे जितना हो…

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वेणी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* वेणी- मिलती संगम में सरित,कहें त्रिवेणी धाम! तीन भाग कर गूँथ लें,कुंतल वेणी बाम! कुंतल वेणी बाम,सजाए नारि सयानी! नागिन-सी लहराय,देख मन चले जवानी! कहे लाल…

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परीक्षा

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’ भंगवा(उत्तरप्रदेश) **************************************************************** ये जीवन एक परीक्षा, सब हरि इच्छा पग-पग परीक्षाओं का दौर, हर हाल में उत्तीर्ण होने की होड़, येन-केन प्रकारेण परिणाम हो हमारा मनचाहा, करना…

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