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परीक्षा

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’
भंगवा(उत्तरप्रदेश)
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ये जीवन
एक परीक्षा,
सब हरि इच्छा
पग-पग परीक्षाओं
का दौर,
हर हाल में
उत्तीर्ण होने
की होड़,
येन-केन प्रकारेण
परिणाम हो
हमारा मनचाहा,
करना पड़े चाहे
जितने भी
छल-प्रपंच,
आज बना
यही सफलता का
मूल मंत्र,
जबकि
यही
अनैतिक तरीके,
गलत हथकंडे
हैं असली हार,
आइए मनन करें
किसी का हक़
दिलाने में
उसकी मदद करें,
सफलता के
बाद का सुख,
मानसिक शांति
का पान करें,
दूसरों की
इच्छाओं का
सम्मान करें,
ये है असली
जीवन मंत्र,
जपें एवं
जपाएं,
आत्मिक शांति
पाएंl
हर परीक्षा
उत्तीर्ण हो
जाएंll

परिचय-गंगाप्रसाद पांडेय का उपनाम-भावुक है। इनकी जन्म तारीख २९ अक्टूबर १९५९ एवं जन्म स्थान- समनाभार(जिला सुल्तानपुर-उ.प्र.)है। वर्तमान और स्थाई पता जिला प्रतापगढ़(उ.प्र.)है। शहर भंगवा(प्रतापगढ़) वासी श्री पांडेय की शिक्षा-बी.एस-सी.,बी.एड.और एम.ए. (इतिहास)है। आपका कार्यक्षेत्र-दवा व्यवसाय है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त प्राकृतिक आपदा-विपदा में बढ़-चढ़कर जन सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-हाइकु और अतुकांत विधा की कविताएं हैं। प्रकाशन में-‘कस्तूरी की तलाश'(विश्व का प्रथम रेंगा संग्रह) आ चुकी है। अन्य प्रकाशन में ‘हाइकु-मंजूषा’ राष्ट्रीय संकलन में २० हाइकु चयनित एवं प्रकाशित हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक एवं राष्ट्रीय ज्वलंत समस्याओं को उजागर करना एवं उनके निराकरण की तलाश सहित रूढ़ियों का विरोध करना है। 

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