छह सौ वर्ष बाद भी प्रासंगिक है संत रविदास की समतामूलक समाज की क्रांतिकारी अवधारणा-डॉ. ‘मानव’
विचार गोष्ठी... नारनौल (हरियाणा)। 'मन चंगा, तो कठौती में गंगा' का उद्घोष करने वाले रविदास मानवीय चेतना-संपन्न संत और साधक होने के साथ एक क्रांतिकारी चिंतक भी थे। उनके द्वारा…