कलियुग है क्या !

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** नेता है लेते लुत्फ सत्ता का, अधिकारी बने सहयोगी है,भ्रष्टाचार और महंगाई हर राज में, जनता ने ही भोगी है। यह पेट्रोल बढ़ा-यह डीजल बढ़ा, यह…

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‘साहस-उत्साह-हिम्मत’ पर प्रथम विजेता बने तारा चन्द वर्मा ‘डाबला’

डॉ. वंदना मिश्र 'मोहिनी' को दूसरा एवं एच.एस.चाहिल को मिला तीसरा स्थान इंदौर (मप्र)। हिंदी के प्रचार की दिशा में हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा ५९ वीं स्पर्धा 'साहस-उत्साह-हिम्मत' विषय…

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प्यारी बहना

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** जिन्दगी के हर एक कठिन मोड़ पर,मिलता रहा है जिसका मुझे सहाराआज खुशी से दिल भर आया जब,कागज़ की कश्ती का देखा नजारा। गुज़रे हुए पलों का…

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बदलें रंग

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* बदलते रूप हैं हर पल यहाँ दिलकश नज़ारों के।हमेशा एक से रहते नहीं हैं दिन बहारों के। कभी जाड़ा कभी गर्मी कभी बरसात का…

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पुस्तकों का आवरण लोकार्पण १० जनवरी को

दिल्ली। 'अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस' के उपलक्ष्य में १० जनवरी को सायं ४ बजे से ५ प्रवासी साहित्यकारों की नई पुस्तकों का आवरण लोकार्पण समारोह वाणी प्रकाशन ग्रुप द्वारा रखा गया…

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छात्राओं को पुस्तक भेंट

इंदौर (मप्र)। शासकीय मालवा कन्या शाला की बालिकाओं को डॉ. सुधा चौहान ने स्वयं लिखित ५१ पुस्तकें (शिक्षा एवं सुरक्षा) भेंट की। इस मौके पर लायंस क्लब की अर्चना श्रीवास्तव…

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महाकवि गोपाल दास नीरज

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)********************************************************************** एक अप्रतिम प्रेम प्रेमी कह लो,सुरभित सरोज चमन पुष्पित कह लोउद्गार हृदय मकरन्द खिले सरस,गोपाल दास गीत नीरज कह लो। कालजयी प्रीत रस भाव कह…

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अनाम रिश्ता

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* जिंदगी की राह में,कई मोड आते हैं…कभी किसी मोड पर,किसी अजनबी सेरिश्ते बन जाते हैं,वही अजनबीकरीबी हो जाते हैं,जिंदगी में आकरजिंदगी बन जाते हैं। कुछ ऐसे…

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हिंदी की बिंदी का मजाक

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** हिंदी की बिंदी... हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग १९२० से चल रही है, जिसकी शुरुआत महात्मा गाँधी द्वारा की गई थी, जो सौ वर्ष बाद भी झूला…

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हमें विनाश दिखा

इं. हिमांशु बडोनीपौड़ी गढ़वाल (उत्तराखण्ड)********************************* जिस दिशा में नफ़रत फैली थी, वहां हमें विनाश दिखा,सगे भाई विमुख बैठे थे, सुलह का कहीं न प्रयास दिखा। सामग्रियाँ जो असंजित हों, दरारें…

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