अंतिम पड़ाव का साथी
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** वृक्ष हो चूका है बूढ़ा,लेकिन बूढ़ा होनाहरेक का कर्तव्य हो जैसेबांधी जाती मान-मन्नतेंलगाए जाते हैं फेरेलम्बी उम्र होने के।वृक्ष से ही,लोग आज भी बताते पतेवृक्ष कुछ न…