समय
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मेरा नाम 'समय' है, मैं किसी का मोहताज नहीं,यह सच है मेरा ना घर है ना द्वार, नहीं है कोई राज। मैं आजाद पंछी हूँ चक्र…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मेरा नाम 'समय' है, मैं किसी का मोहताज नहीं,यह सच है मेरा ना घर है ना द्वार, नहीं है कोई राज। मैं आजाद पंछी हूँ चक्र…
डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** जनभाषा में न्याय! 'राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग' उपभोक्ताओं के शोषण के निवारण और उसकी सुनवाई की देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। अगर यदि किसी…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** महाकवि कालिदास जयंती (४ नवम्बर) विशेष... साहित्य के क्षेत्र में अभी तक हुए महान कवियों में कालिदास जी अद्धितीय थे। उनके साहित्यिक ज्ञान का कोई वर्णन नहीं किया…
बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** रुको जिंदगी,ठहर जाने दोतन्हा हूँ बहुत,मेरे घर जाने दो। माँ-बाबू जी,यारों की यारियाँमिलकर करनी है,दीवाली की तैयारियाँतुलसी के क्यारे में,एक सांझ का दीप धर आने दो।रुको…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** मैं निकला घर की खोज में,अनजान राहों से एक रोज मैंजाते-जाते कई मकान मिले,मिला नहीं घर किसी रोज में। मैंने एक दरवाजा खटखटाया,फिर एक पुरूष…
अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* खूबियाँ ख़ामियाँ खुद की पहचानिये।कामयाबी मिलेगी यक़ीं जानिये। इक ख़ुदा की इबादत भली जानिये।ख़ाक दर-दर की हरगिज़ नहीं छानिये। ज़िन्दगी में पहल की ज़रूरत…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** वृक्ष हो चूका है बूढ़ा,लेकिन बूढ़ा होनाहरेक का कर्तव्य हो जैसेबांधी जाती मान-मन्नतेंलगाए जाते हैं फेरेलम्बी उम्र होने के।वृक्ष से ही,लोग आज भी बताते पतेवृक्ष कुछ न…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** तम की काली रात हटाने उजियारा फैलायें।अँधियारा ना रहे कहीं भी, आओ दीप जलायें॥ सूरज उगा नहीं सकते जुगनू तो बन सकते हैं,जग में फैले अंधकार…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** काशी गंगा वाहिनी, करे नाश सब पाप।दीपक जगमग ज्योति तट, जले पाप संताप॥सकल देव रनिवास यह, शूलपाणि रख शूल।काशी वासी शिवमयी, भक्ति प्रेम सुख…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* दीवाली के बाद में, आता है 'ईगास।'करते भेलौ नृत्य हैं, आए सबको रास॥ आता कार्तिक मास में, यह पावन त्यौहार।राम आगमन की खुशी, छाए सब संसार॥…