भूल-भुलैया
अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* है रिश्तों की भूल-भूलैया, साँसों का ताना-बाना।सुख फूलों-सा दु:ख काँटों-सा, क्या रोना, क्या इतराना॥ ऊपर वाला भांति-भांति का, सबका लेख बनाता है।जिसने जितनी हवा भरी है, वह उतना चल पाता है॥किसका कितना कहां ठिकाना, ये भी है किसने जाना,है रिश्तों की भूल-भूलैया, साँसों का ताना-बाना…॥ सत् सेवा संघर्षशील का, दामन मैला … Read more