चेतो अब भी,रे मनुज!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** प्रकृति कुपित हमसे हुई,भला करे भगवान। झेल रहा जग दंश को,अब तो बन इन्सान॥ भौतिकता परवान पर,बनी प्रकृति सुनसान। देख फलाफल स्वार्थ का, ‘कोरोना’ हैवान॥ हरित भरित सुष्मित धरा,आज बनी लाचार। कोराना से सिसकती,लखि दुनिया संहार॥ कौन बचाए आपदा,विज्ञान या भगवान। रह नर निर्मल गेह में,दूरी का रख … Read more

पर्यावरण सुधार लो

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. पर्यावरण सुधार लो,आओ पेड़ लगाय। तभी धरा सुन्दर लगे,मन हर्सित हो जाय॥ जीवन इनसे है जुड़ा,इनसे है संसार। इक-इक पौधा रोप लो,पर्यावरण सुधार॥ हरी-भरी हो ये धरा,सुन्दर दिखे जहान। पर्यावरणी सोच हो,भारत बने महान॥ देख प्रदूषण रोकता,वृक्ष लगे भरमार। शुद्ध हवा पानी मिले,जीवन … Read more

बचिए और बचाइए, ‘कोरोना’ से आज

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** चाल चली इक चीन ने,बिगड़े सबके हाल। ‘कोरोना’ यह वायरस,बना जीव जंजाल॥ सारा जग इससे दुखी,किसे सुनाये पीर। कोरोना ने कर दिए,हाल बहुत गंभीर॥ भारत का जन-जन करे,मिलकर बड़े प्रयास। बिना मॉस्क छोड़े नहीं,अपना कभी निवास॥ हाथों को धोते रहे,सैनिटाइज साथ। कीटाणु से मुक्त रहे,हर पल अपने हाथ॥ सर्दी और … Read more

‘कोरोना’ से सावधान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** ‘कोरोना’ से डरो ना,कोई करो उपाय। रहो गेह दूरी अपर,घर में रहो सफाय॥ ‘जनता कर्फ्यू’ वतन से,सुन पी एम आह्वान। एक बना जन मन वतन,कर्मवीर सम्मान॥ कोरोना शैतान से,जो लड़ते दिन रात। मोह तजे परमार्थ में,खुद जीवन सौगात॥ ताली थाली-घंटियाँ,बजे नगाड़े-ढोल। मुदित हृदय माँ भारती,एक राष्ट्र अनमोल॥ धन्यवाद … Read more

खुद से करो सवाल

सुनीता बिश्नोलिया चित्रकूट(राजस्थान) ****************************************************** धरती पर बादल घिरे,संकट के हैं आज। पीछे संकट के छिपे,कुटिल मानसी काजll जो बोता पाता सदा,बोने वाला आप। खुद ही पीड़ा बाँटकर,मिलता है संतापll कहने को मानव स्वयं,बन बैठा भगवान। पर ईश्वर के कोप से,नहीं बचा इंसानll खेल विधाता खेलता,होकर के नाराजl पीछे संकट के छिपे,कुटिल मानसी काजll मानव होकर … Read more

रूठो मत इतना सज़न

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** यौवन सरित उफ़ान पर,मादकता भर नैन। तन्हाई के दर्द से,सजनी दिल बेचैन॥ अश्क नैन से हैं भीगे,पीन पयोधर गाल। रूठो मत इतना सज़न,है चितवन बेहाल॥ बाट जोहती श्रावणी,बीता अब मधुमास। चित्त चकोरी आस में,बरस बुझाओ प्यास॥ तन मन धन अर्पण किया,सजन तुम्हारे नाम। रनिवासर खोयी सनम,समझ तुझे घनश्याम॥ … Read more

पथिक

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** पथिक- चलते-चलते तुम पथिक,राह न जाना भूल। सत्य मार्ग पर चल सदा,बन कर सुन्दर फूल॥ सहयोग- बड़े-बड़े से काम भी,होते हैं संजोग। मिलकर देते हैं सभी,अपना जब सहयोग॥ पंथ- चलना अपने पंथ पर,भूल न जाना यार। सफल काम होगा तभी,मान मिले संसार॥ मंजिल- मंजिल सबकी है अलग,अपनी अपनी … Read more

प्यार मुहब्बत से रहो

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************************** देश हमारा एक है,जिसका भारत नाम। प्यार मुहब्बत से रहो,नफरत का क्या काम॥ डर ही तो है आपका,कुछ का कारोबार। दुनिया यारों हो गयी,एक बड़ा बाज़ार॥ गाली देते फिर रहे,सबको बारम्बार। मुझको उनका लग रहा,नफरत कारोबार॥ किरदारों पर ठीक से,करिये ज़रा विचार। अच्छों को ही दीजिये,वोटों का … Read more

नारी का देवत्व

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** नारी सच में धैर्य है,लिये त्याग का सार। प्रेम-नेह का दीप ले,हर लेती अँधियार॥ पीड़ा,ग़म में भी रखे,अधरों पर मुस्कान। इसीलिये तो नार है,आन,बान औ’ शान॥ नारी तो है श्रेष्ठ नित,हैं ऊँचे आयाम। इसीलिये उसको ‘शरद’,बारम्बार प्रणाम॥ नारी ने नर को जना,इसीलिये वह ख़ास। नारी पर भगवान भी,करता है … Read more

राग रंग है हर तरफ

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** होली- होली की अब धूम है,खेले राधे श्याम। बरसाना की कुंज में,ग्वाल बाल बलराम॥ रँगीला- श्याम रँगीला साँवरा,राधा रानी संग। भर पिचकारी मारते,भीगे सारी अंग॥ अबीर- रंग अबीरा ले चले,खेले होली फाग। नंद गाँव के छोकरे,छेड़े प्रियतम राग॥ उत्सव- उत्सव की अब धूम है,मन में है उल्लास। राग … Read more