सत्य अहिंसा मूर्ति

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** नाम सिद्धार्थ,सत्य अहिंसा मूर्ति-देखा सत्यार्थ। अहिंसा वीरआ जाओ महावीर-सदैव धीर। जन्मे वैशालीजटिल साधना सेपा ली मंजिल। ध्यान साधनासहज महावीरसत्य प्रार्थना। सिखाया तपनश्वर तन-मनसमझो मौन। है अवतार,तज दिया शासनहैं महावीर। धीर विनय,पथ दिखा जग को-वीर तनय। गुणों की ख़ान,तीर्थंकर चौबीस-रहे महान। फैलाया धर्म,अपना महाव्रत-सिखाया धर्म। सबको आस,अल्पायु राज त्याग-पथ संन्यास॥

लोकनायक

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हनुमान जन्मोत्सव विशेष… बुद्धि के दाता,अतुलित चरित्र-हैं हनुमान। सिद्धि सागर,भक्ति-चातुर्य भरे-पवनपुत्र। अनूठे दास,करे सगरे काज-हो समर्पित । वीरों में वीर,असुर हुए चित-अंजनीपुत्र। वीरों में वीर,हर कला निपुण-हैं महावीर। लोकनायक,प्रबल पूजनीय-सच्चे सेवक। जाति से परे,धनी हैं अलौकिक-वचन खरे। सेतु बनाया,हो गई लंका भस्म-पाई जानकी। पूर्ण दिव्यता,हैं महाबलशाली-संकटहर्ता। अटूट भक्ति,कण-कण में राम-है शक्तिपुंज। हृदय … Read more

बड़े मुखौटे

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बड़े मुखौटे,है बदले मनुज-सच्चे-झूठे से। तोड़े यकीन,कैसे बढ़े समाज-साथ छोड़ के। मत दो धोखा,दो पल की जिंदगी-कैसे चलेगी ? साथ निभा लेआनी-जानी साँसें हैं-हाथ मिला ले। कुछ ना मिले,परिणाम है बुरा-चल प्रगति। बांटें खुशियाँ,ऐसे हाथ न छोड़ो-छोटी दुनिया। रिश्ते दिल के,खींचो बड़ी लकीर-चलो मिल के। रहे एकता,कथनी हो करनी-नीयत साफ। द्वैष जलाओ,अच्छाई … Read more

सहेजो देश

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हुए शहीद,चाहा देश आजाद-किया संघर्ष। भगत सिंह,दे कर बलिदान-पाई आजादी। देख गुलामी,डटकर लड़े यूँ-अर्पित शीश। हुए अमर,ना भूलो बलिदान-करो स्मरण। वतन प्यारा,हम ऋणी उनके-अमन प्यारा। सहेजो देश,कीमती है आजादी-नहीं भूलना। यह कर्तव्य,अभिमान आजादी-खून बहाया। बनें गंभीरयाद हो राजगुरू-थाती पुरखे। सुखदेव की,याद करो खुद्दारी-गर्व है हमें। लाल भारती,वीरों से जिंदा मान-सदा आरती। थे … Read more

है जिंदगानी

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बचाएं जल,सोचो जीवन मूल्य-बचेगा कल। बचा पानी तो,जी सकेगा मनुज-है जिंदगानी। यूँ मत ढोलो,बिन पानी कुछ न-इसे संभालो। करो सचेत,हर बूँद अमोल-पड़ेगा रोना। पानी बचाओ,समझो, समझाओ-जीवन पाओ। कीमती पानी,हों सब जागरूक-कोई ना सानी। किया बर्बाद,संकट में पथिक-कैसे आबाद ? धरा व्याकुल,दिखा दिया तांडव-अब विनाश। है नासमझ,पल-पल विनाश-अब संभल। घटता जल,हो बाधित तरक्की-बचाओ … Read more

सृजक नारी

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** सृजक नारी,मुस्कान है सबकी-सबपे भारी। करे पालन,न अपमान करो-वही आँगन। मत डराओ,सम्मान की आकांक्षी-साथ निभाओ। कर्म ही नारी,रब जन्मा इससे-हाय अबला ! करिए पूजा,हर बात अप्रतिम-मिले ना दूजा। चाहती प्यार,कम में रहे खुश-देना सहारा। आँसू मत दो,नहीं दे रब माफी-पूरा मान दो। महिला कृति,नहीं समझो बोझ-नारी संस्कृति। किया त्याग भी,इस स्वार्थी जग … Read more

गुलाल पिया

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** गुलाल पिया,प्रेम से रंगा मन-धड़के जिया। लगी लगन,रंग से खेलो जरा-जिया अगन। तुमसे रंग,बिन तुम अबीर-जिया में जंग। दे रूह रंगरहे अमिट छाप-खुशी का रंग। मन पलाश,देखो आया फागुन-तेरी तलाश। आ गई होली,खोलो द्वार मन का-छा गई होली। बिन साजन,सूना सारा आँगन-दर्श दिखाओ। रंग रसिया,छूना चाहूँ सजना-मन बसिया। कैसे भुलाऊँ,छूटती नहीं यादें-कैसे … Read more

मन मिलाओ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** दूर की सोचो,प्यारा देश हमारा-मिलें विचार। माटी की देह,नफरत का बीज-उग ना पाए। राष्ट्र महान,बढ़े कीर्ति विश्व में-भरो उड़ान। वक्त़ कीमती,हो साथ, थामो हाथ-मिले तरक्की। मत धकेलो,रखो इंसानियत-लहू मिला लो। रखो आकांक्षा,मोड़ दो तूफान भी-रखो हौंसला। डर किससे ?बात हो सच्चाई की-देश प्रथम। करो यकीन,छोटा-सा तो जीवन-रिश्ते महीन। त्यागो जलन,छोड़ो डोर झूठ … Read more

ना धरा चीर

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** प्रकृति और खिलवाड़…. समझो पीर,पर्यावरण जान-ना धरा चीर। है कुदरत,संभाले जो सबको-यह फ़िक्र क्यों ? कैसा विकास ?खिलवाड़ से घाटा-हुआ विनाश। नाजुक धरा,मत करो छलनी-समझो जरा। ओ रे मानव!चेता रही, समझक्यों तू दानव ? जाएगी जान,बाढ़, भूकंप, सूखा-अब तो मान। नियम पाल,पूरक सब धरा-काट न डाल। कर संघर्ष,रख ले संवेदना-स्थिति विकट। न … Read more

युग पुरूष लाल

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** लाल बहादुर शास्त्री पुण्यतिथि विशेष… बड़े निरालेयुग-पुरूष ‘लाल’-थे रखवाले। फिक्र देश कीस्वच्छ राजनीति-इच्छा भले की। उपाधि ‘शास्त्री’था संघर्ष जीवन-प्रधानमंत्री। राष्ट्रहित मेंथा लक्ष्य जनसेवा-नहीं अहित। आँख के तारेथे छोटे ‘बहादुर’-बने हमारे। जय जवानगुणी-कुशल नेता-जय किसान। लाल था बड़ाहुआ पाक हमला-जवाब कड़ा। स्नेह किसानसंकल्प नौजवान-देश महान। नेतृत्व धनीसीख अमेरिका को-पारसमणि। दिया सबूतदुनिया को मिसाल-देश … Read more