अद्भुत शिवशंकर

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  ***************************************** नर से नारी,मनमोहन रुपलीला अपार। है वरदानी,नंदी गण सवारीशिव शंकर। अदभुत है,पीवत गांजा भांगऔघड़ दानी। विकट रुप,तपस्या भंग हुईतांडव रुप। डमरू बाजे,डम डम डम रेहर्षित मन।…

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पृथ्वी और पर्यावरण

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* पर्यावरण दिवस विशेष.......... पृथ्वी कहे-पर्यावरण दिन,मानव जागे। उचित होगा-संरक्षण करना,प्रत्येक दिन। दूषित करे-नदियाँ जलाशय,सोचता नहीं। उजाडे़ वन-वृक्ष काटते सदा,प्रगति नाम। बाढ़ बढ़ावे-तूफान भी भीषण,पावे हताशा।…

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जीतना है…

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’इन्दौर मध्यप्रदेश)********************************************* आंधी-तूफान-अच्छा है कोरोना से,दिखता तो है। ढूंढना मत-कोई गुनहगार,कोरोना तो है।मन का बोझ-मत बनाना इसे,मारा जाएगा।टूटना नहीं-कोरोना को तोड़ना,करना योग।सुन कोरोना-मन है विचलित,अब हो विदा।इंसान बड़ा-अदना-सा…

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हमारे पालनहार

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* पिता हमारे-संकट में रक्षक,ऐसे सहारे। पिताजी सख्त-घर पालनहारऊँचा है तख्त। पिता का साया-ये बाजार अपना,मिले ये छाया। पिता गरम-धूप में छाँव जैसे,है भी नरम। घर की धुरी-परिवार…

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मैं मजदूर…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)****************************************** मैं मजदूर-रोटी की तलाश में,घर से दूर। सुबह शाम-बहाता स्वेदकण,नहीं विश्राम। दिल है बड़ा-अंधेरी झोपड़ी से,महल खड़ा। कैसी लाचारी-फुटपाथी जीवन,व्यथा है भारी। सब हैं मौन-सिर्फ़…

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माता हमारी जीवनदायिनी

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* माता हमारी,चाँद-सूरज जैसी-है वह न्यारी। माता का प्यार,अदृश्य वात्सल्य का-फूलों का हार। माता का क्रोध,हमारे भले लिए-कराता बोध। घर की शान,माता रखती ध्यान-करो सम्मान। माँ का दुलार,भुला…

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कलम तीर है,बलवीर है

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* कलम तीर,कलम की ताकत-ये शमशीर। कलम शक्ति,कलम की पहुंच-करे भी भक्ति। कलम लिखे,शब्दों की सरगम-जो शक्ति दिखे। कलम जादू,कर सके कमाल-वक़्त बदलू। कलम बोले,ये सारा सच खोले-आदमी…

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शुभ्रा वर दे

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** माँ हँसा रूढा,वेद वीणा कर मेंशुभ्रा वर दे। नवल स्फूर्ति,दिव्य रश्मि झरतीदिशा दिगन्त। मृदु मृदुला,साख में स्वरा स्यामाराग पंचम। वर्णनातीत,लक्ष्य दुर्गम पथठौर पुष्पित। तनी प्रत्यंचा,नभ चाँद छुपताशौर्य अदम्य।…

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सभ्यता

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** मानवता है-सभ्यताई जीवन,आदर्शवाद। इंसानियत-एक सभ्यता लक्ष्य,सम्मान देय। सद्भावना हो-सबसे प्रेम भाव,न्यायकारी जो। सबका हिती-सभी से आदर्शताव्यवहारिक। धीरतावान-दृढ़ निश्चय करे,आत्मविश्वासी।

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अन्याय

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ******************************************* नाम की जांच-अन्दर साठ-गांठ,केवल नाच। मिला न्याय-थके आँख-कान भी,हुआ अन्याय। धरने पर बैठे-खोजते परिणाम,गूलर फूल। परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैL २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में…

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