माता हमारी जीवनदायिनी

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* माता हमारी,चाँद-सूरज जैसी-है वह न्यारी। माता का प्यार,अदृश्य वात्सल्य का-फूलों का हार। माता का क्रोध,हमारे भले लिए-कराता बोध। घर की शान,माता रखती ध्यान-करो सम्मान। माँ का दुलार,भुला दे हर दुःख-चोट ओ हार। माता का ज्ञान,माँ प्रथम शिक्षक-बच्चों की जान। घर की नींव,मकान घर बने-लाए करीब। त्याग मूरत,हर दुःख सहती-हो जो सूरत। प्रभु … Read more

कलम तीर है,बलवीर है

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* कलम तीर,कलम की ताकत-ये शमशीर। कलम शक्ति,कलम की पहुंच-करे भी भक्ति। कलम लिखे,शब्दों की सरगम-जो शक्ति दिखे। कलम जादू,कर सके कमाल-वक़्त बदलू। कलम बोले,ये सारा सच खोले-आदमी डोले। कलम नोंक,हिला दे सत्ता को भी-दम तो रोक। कलम यंत्र,दिखाए आइने सा-कलम मंत्र। कलम चित्र,सजीव चित्रण हो-लीला विचित्र। खोल दे राज़,यह कलम साज़-आए न … Read more

शुभ्रा वर दे

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** माँ हँसा रूढा,वेद वीणा कर मेंशुभ्रा वर दे। नवल स्फूर्ति,दिव्य रश्मि झरतीदिशा दिगन्त। मृदु मृदुला,साख में स्वरा स्यामाराग पंचम। वर्णनातीत,लक्ष्य दुर्गम पथठौर पुष्पित। तनी प्रत्यंचा,नभ चाँद छुपताशौर्य अदम्य। किसे सब्र है,भू विहीन चक्र हैधरा वक्र है। अरण्य बीच,भटकता पथिकपथ सुगम है। झील का दर्पण,विकल युग्म छाँवचाँद का नाव। कटी बेड़ियाँ,पलकों की सीढ़ियांहृदय द्वार। … Read more

सभ्यता

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** मानवता है-सभ्यताई जीवन,आदर्शवाद। इंसानियत-एक सभ्यता लक्ष्य,सम्मान देय। सद्भावना हो-सबसे प्रेम भाव,न्यायकारी जो। सबका हिती-सभी से आदर्शताव्यवहारिक। धीरतावान-दृढ़ निश्चय करे,आत्मविश्वासी।

अन्याय

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ******************************************* नाम की जांच-अन्दर साठ-गांठ,केवल नाच। मिला न्याय-थके आँख-कान भी,हुआ अन्याय। धरने पर बैठे-खोजते परिणाम,गूलर फूल। परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैL २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंL वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही हैL उत्तरप्रदेश निवासी श्री मिश्र का कार्यक्षेत्र-प्रवक्ता(विद्यालय टनकपुर-उत्तराखण्ड)का हैL सामाजिक गतिविधि के लिए हिन्दी भाषा के प्रोत्साहन … Read more

उत्तम क्षमा

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान)************************************************************ महान पर्व-यह पर्यूषण का हैअद्भुत धर्म। सुख न पाया-प्रत्यक्ष अप्रत्यक्षदिल दुःखाया। राग ना द्वेष-मन से भुला देनासारे ही क्लेश। करुँ प्रार्थना-छोटी-सी है जिंदगीक्षमा याचना। श्रेष्ठ है दान-जियो और जीने दोअभय दान। प्रेम से बोल-भुला दो नफ़रतअमृत घोल। मन है साफ़-वीरों का आभूषणकर दो माफ़। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम … Read more

चैत्र प्रभात

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बुलकड़ियाँ, रिक्त गौशाला द्वार सूखा गोबर। चैत्र प्रभात, विधवा का श्रृंगार दूर्वा टोकरी। फाग पूर्णिमा, डंडे पर जौ बाली बालक दौड़ा। होली दहन, चूल्हे पे हँसती माँ गेहूँ बालियाँ। मदिरालय, कुतिया को पकोड़े नाली में वृद्ध। औषधालय, चारपाई पे वृद्ध नीम निम्बोली। कैर साँगरी, बाजरे की रोटियाँ हाथ खरोंच। चंग का … Read more

उगता सूर्य…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ उगता रवि- इंद्रधनुषी आभा, अद्भुत छवि। सूर्य लालिमा- छाया नव उत्साह, मिटी कालिमा। भोर वंदन- जल पुष्प अक्षत, कर अर्चन। महका वन- कलियों पे मधुर, अलि गुंजन। मुख मुस्कान- दीप आरती कहीं, शंख का नाद। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ मई … Read more

साथ छूटे ना

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. मजबूरियाँ- सामाजिक सम्बंध, और दूरियाँ। साथ छूटे ना- अटूट हो बन्धन, कोई रूठे ना। हो अनुबंध- कभी नहीं बिगड़े, अच्छे संबंध। यही है रीत- भूल के नफ़रत, रखना प्रीत। कर सम्मान- सामाजिक सम्बन्धों, का रख ध्यान। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ … Read more

खेत में डेरा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* प्रथम शतक……….. खेत में डेरा हाथ में मोटी रोटी, दूध की डोली। तेल बिनौरी सिर पर छबड़ी, गीत गुंजन। होली के रंग चौपाल पर ताश, चंग पे भंग। नीम का पेड़ वानर अठखेली, दंत निंबोली। सम्राट यंत्र धूप घड़ी देखता, विद्यार्थी दल। संग्रहालय कांँच बॉक्स में ‘ममी’, उत्सुक छात्रा। गुलाब बाग … Read more