मीरा जैन
उज्जैन(मध्यप्रदेश)
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शेर पर सवार माँ दुर्गा ने अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हुई एक छोटे से गाँव को नवरात्रि में अपना ठिकाना बना लिया यह देख आश्चर्य चकित शेर ने प्रश्न किया-
‘देवी माँ! आप तो इंसाफ करने निकली थी लेकिन ये क्या बड़े-बड़े पंडाल,भव्यातिभव्य साज-सज्जा,पूरे जोशो-खरोश से पूजा-अर्चना आपके स्वागत में पलक पावड़े बिछाये करोड़पति लोग आदि कहीं कोई कमी नहीं। उन सबको छोड़ यहाँ सामान्य से भक्त,साज-सज्जा रहित छोटा-सा पंडाल क्यों चुना आपने,ये कैसा निर्णय है ? कहाँ गया आपका इंसाफ का तराजू ये सरासर ना इंसाफी है ?’
इस पर हँसते हुए देवी ने केवल इतना ही कहा-
‘शेर! यहाँ कन्याओं की खुशी और संख्या देख कर स्पष्ट है कि,इस गाँव में लिंग परीक्षण नहीं होता है।’
परिचय-श्रीमति मीरा जैन का जन्म २ नवम्बर को जगदलपुर (बस्तर)छत्तीसगढ़ में हुआ है। शिक्षा-स्नातक है। आपकी १००० से अधिक रचनाएँ अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से व्यंग्य,लघुकथा व अन्य रचनाओं का प्रसारण भी हुआ है। प्रकाशित किताबों में-‘मीरा जैन की सौ लघुकथाएं (२००३)’ सहित ‘१०१ लघुकथाएं’ आदि हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-वर्ष २०११ में ‘मीरा जैन की सौ लघुकथाएं’ हैं। आपकी पुस्तक पर विक्रम
विश्वविद्यालय(उज्जैन) द्वारा शोध कार्य करवाया जा चुका है,तो अनेक भाषा में रचनाओं का अनुवाद एवं प्रकाशन हो भी चुका है। पुरस्कार में अंतर्राष्ट्रीय,राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय कई पुरस्कार मिले हैं। प्राइड स्टोरी अवार्ड २०१४,वरिष्ठ लघुकथाकार साहित्य सम्मान २०१३ तथा हिंदी सेवा सम्मान २०१५ से भी सम्मानित किया गया है। २०१९ में भारत सरकार के विद्वानों की सूची में आपका नाम दर्ज है। श्रीमती जैन कई संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं। बालिका-महिला सुरक्षा,उनका विकास,कन्या भ्रूण हत्या एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आदि कई सामाजिक अभियानों में भी सतत संलग्न हैं।