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गंदगी का करना है अंत

सहज सभरवाल
जम्मू( कश्मीर)

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लो आ गया नया ज़माना,
स्वच्छ भारत बन गया है एक बहाना।

क्या भारत की स्वच्छता का इरादा,
टूट रहा है यह स्वच्छ भारत का वादा।

सैलानी हैं आते यहाँ,
दिखती है गंदगी देखें जहाँ।

क्या वैष्णो देवी की पवित्र पहाड़ियां,
लिपटी जो रहतीं हैं,बर्फीली साड़ियां।

एवं मनुष्य की अपवित्रता का साथ,
दया करो हम पर तो भैरवनाथ।

इसी गंदगी का करना है अंत,
तभी काम करेंगी भक्ति और मेलों में प्रभु या संत॥

परिचय-सहज सभरवाल की आयु १७ वर्ष है। कश्मीर राज्य के जम्मू निवासी सहज वर्तमान में कक्षा १२ वीं में अध्ययनरत हैं। कविता और आलेख लेखन इनका शौक है।

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