वैष्णवी जाधव
मुंबई (महाराष्ट्र)
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मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष….
सपनों को लेकर मन में,
उड़ाएंगे पतंग आसमान में
ऐसी भरेगी उड़ान सबकी पतंग,
जो भर देगी जीवन में खुशियों की तरंग।
भारत में कई सारे त्योहार मनाए जाते हैं,सारे अन्य त्योहार अलग-अलग तारीखों पर मनाए जाते हैं, परंतु मकर संक्रांति ऐसा त्योहार है जो हर साल एक ही दिन यानी १४ जनवरी को ही मनाया जाता है। यह त्योहार जब सूर्य उत्तरायन होकर मकर रेखा से गुजरता है,तब मनाया जाता है।
यह भारत में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। अधिकतर राज्यों में इस त्योहार को संक्रांति कहा जाता है और तमिलनाडु में इसे पोंगल पर्व के रूप में मनाया जाता है। पंजाब और हरियाणा इस समय नई फसल का स्वागत लोहड़ी पर्व के रुप से किया जाता है।
इस दिन अलग-अलग पकवान घर में बनाए जाते हैं,लेकिन दाल-चावल और खिचड़ी इस पर्व के प्रमुख पकवान हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर तिल को उबाकर स्नान किया जाता है। सुहागन महिलाएँ सुहाग की सामग्री का आदान-प्रदान करती हैं।
संक्राति ऐसा पर्व है,जो उत्साह और प्यार से जुड़ा हुआ है। इस दिन खूब आनंद और उमंग के साथ और उत्साह से पतंगबाजी करते हैं। इस तरह संक्रांति सभी के किए प्यार और उत्साह बढ़ाने वाला त्योहार है-
तन में मस्ती मन में उमंग,
देकर सबको अपनापन,गुड़ में जैसे मीठापन
होकर साथ हम उड़ाएं पतंग,
और भर लें आकाश में अपने रंग।