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सारे जग को देख रहा है ईश्वर

गोपाल मोहन मिश्र
दरभंगा (बिहार)
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सारे जग को देख रहा है,ऊपर से ईश्वर,
हर पल की हर हाल की,रहती पूरी उसे खबर।
ईश्वर के घर देर है,लेकिन है अंधेर नहीं,
उसके आगे कभी कोई बन सकता शेर नहीं।
हर प्राणी हर मानव पे,वो रखता सदा नज़र।
सारे जग को देख रहा है,ऊपर से ईश्वर…॥

हर क्षण हर लम्हें का,पूरा रखता वो हिसाब,
उसके सम्मुख ढके न चेहरा,उठता वहीं नकाब।
पाप कर्म करने से पहले,मनन करो पल भर,
सारे जग को देख रहा है,ऊपर से ईश्वर…॥

पल में ही तक़दीर बदलती,पल में होती बर्बादी,
अगर जरा-सा चूके पल में,दुर्घटना घट जाती।
पल बड़ा ही निर्दयी है,मत रोको किसी की डगर,
सारे जग को देख रहा है,ऊपर से ईश्वर…॥

परिचय–गोपाल मोहन मिश्र की जन्म तारीख २८ जुलाई १९५५ व जन्म स्थान मुजफ्फरपुर (बिहार)है। वर्तमान में आप लहेरिया सराय (दरभंगा,बिहार)में निवासरत हैं,जबकि स्थाई पता-ग्राम सोती सलेमपुर(जिला समस्तीपुर-बिहार)है। हिंदी,मैथिली तथा अंग्रेजी भाषा का ज्ञान रखने वाले बिहारवासी श्री मिश्र की पूर्ण शिक्षा स्नातकोत्तर है। कार्यक्षेत्र में सेवानिवृत्त(बैंक प्रबंधक)हैं। आपकी लेखन विधा-कहानी, लघुकथा,लेख एवं कविता है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी भावनाएँ व्यक्त करने वाले श्री मिश्र की लेखनी का उद्देश्य-साहित्य सेवा है। इनके लिए पसंदीदा हिन्दी लेखक- फणीश्वरनाथ ‘रेणु’,रामधारी सिंह ‘दिनकर’, गोपाल दास ‘नीरज’, हरिवंश राय बच्चन एवं प्रेरणापुंज-फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शानदार नेतृत्व में बहुमुखी विकास और दुनियाभर में पहचान बना रहा है I हिंदी,हिंदू,हिंदुस्तान की प्रबल धारा बह रही हैI”

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