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विदा करें ये साल

तारा प्रजापत ‘प्रीत’
रातानाड़ा(राजस्थान) 
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आपदाओं से भरा
गुज़रा बीता साल,
बुरा था सभी का हाल।
आओ विदा करें,
ना-मुराद ये साल॥

दर्द के साए में
डरा-सा बीता साल,
प्रकृति ने चली है चाल।
आओ विदा करें,
ना-मुराद ये साल॥

रोता बिलखता रहा
बीता गुज़रा साल,
कई को निगल गया काल।
आओ विदा करें,
ना-मुराद ये साल॥

रोजी-रोटी के लिए
भटका पूरा साल,
है फटेहाल।
आओ विदा करें,
ना-मुराद ये साल॥

भौंचक्का-सा आदमी
निरुत्तर हुआ ये साल,
खड़ा है बन के एक सवाल।
आओ विदा करें
ना-मुराद ये साल॥

खा गया ‘कोरोना’
बन के घुन पूरा साल,
बन गया है मकड़ी का जाल।
आओ विदा करें,
ना-मुराद ये साल॥

उन वीर योद्धाओं को
करेगा याद नया साल,
लड़े जो बन कर ढाल।
आओ विदा करें,
ना-मुराद ये साल॥

बन जाएगा इतिहास
गुज़रा हुआ ये साल,
मचा रहा मवाल है मवाल।
आओ विदा करें,
ना-मुराद ये साल॥

दुआ है,कभी न आए
फिर से ऐसा साल,
उम्र भर रहें जिसका मलाल।
आओ विदा करें,
नामु राद ये साल॥

खुशियां लेकर आए
अब कि ये नया साल,
जन जीवन होगा ख़ुशहाल।
आओ विदा करें,
ना-मुराद ये साल॥

परिचयश्रीमती तारा प्रजापत का उपनाम ‘प्रीत’ है।आपका नाता राज्य राजस्थान के जोधपुर स्थित रातानाड़ा स्थित गायत्री विहार से है। जन्मतिथि १ जून १९५७ और जन्म स्थान-बीकानेर (राज.) ही है। स्नातक(बी.ए.) तक शिक्षित प्रीत का कार्यक्षेत्र-गृहस्थी है। कई पत्रिकाओं और दो पुस्तकों में भी आपकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं,तो अन्य माध्यमों में भी प्रसारित हैं। आपके लेखन का उद्देश्य पसंद का आम करना है। लेखन विधा में कविता,हाइकु,मुक्तक,ग़ज़ल रचती हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-आकाशवाणी पर कविताओं का प्रसारण होना है।

 

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