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रास्ता भटक गया

सुदामा दुबे 
सीहोर(मध्यप्रदेश)

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यादों के कोहरे में रास्ता भटक गया,
बिसरी हुई बातों में आज फिर अटक गया!

बीत गई थी सदियाँ जिनको भूले हुए,
उनके ही आँगन में काँरवा पटक गया!

कर गया प्रहार ऐसा पतझड़ मन उपवन में,
खुशियों के पल हमारे हाथ से झटक गया!

तिनके जोड़े थे हमने आशियाँ बनाने को,
बेरहम जमाने की आँखों में खटक गया!

देखते रहेगें हम जिसको जीवन अपने,
वक्त की दीवारों पर लम्हा वो लटक गया!

देखभाल कर चला में प्रीत की पगडंडी पर,
आज फिर अचानक ही देखो में सटक गया!

चाहा था जिसको कभी हमने दिलो-जान से,
देखते ही आज हमें वो भी कुछ छटक गया!

दिल हमारा नाजुक था सीसे के तौर पर,
चोंट लगी ऐसी कि देखो वो चटक गया!!

परिचय: सुदामा दुबे की की जन्मतिथि ११ फरवरी १९७५ हैL आपकी शिक्षा एम.ए.(राजनीति शास्त्र)है L सहायक अध्यापक के रूप में आप कार्यरत हैं L श्री दुबे का निवास सीहोर(मध्यप्रदेश) जिले के बाबरी (तहसील रेहटी)में है। आप बतौर कवि काव्य पाठ भी करते हैं। लेखन में कविता,गीत,मुक्तक और छंद आदि रचते हैंL

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