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माँ आयी है

वन्दना शर्मा’वृन्दा’
अजमेर (राजस्थान)

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भाग,भाग रे भाग ‘कोरोना’,
तेरी शामत आयी है।
नवरात्रि में भगतों के घर,
शेरावाली माँ आयी है।

तेरी कहर से रक्षा करेगी,
अन्न-धन से झोली भरेगी
धूप दीप नैवेद्य अगर से,
वातावरण को शुद्ध करेगी
पीड़ित निज सन्तान की खातिर,
देखो जग की माँ आयी है
सिंह चढ़ी ओर हाथ खड्ग,
दुर्गा है काली माई है।
भाग,भाग…

शैल पुत्री,ब्रह्मचारिणी,
कूष्माण्डा,चंद्रघंटा,स्कन्धमाता
कात्यायनी,कालरात्रि,
महागौरी,सिद्धिदात्री
नवदुर्गा के नव रूपों का,
अनुष्ठान हर घर में होगा
नौ दिन तक आँचल में रखने,
जग जननी अम्बे आयी है
खड्ग खप्पर,रक्तजीभ है,
व्याधि सब हरने आयी है।
भाग,भाग…

बहुत हुआ तेरा आतंक अब,
तुझको चित्त गिराना है
भारत से इस दुष्ट फिरंगी,
को फिर मार भगाना है
एक बार थी मुँह की खाई,
फिर नयी बीमारी आयी है
भाग,भाग रे भाग कोरोना,
तेरी शामत आयी है
जब रक्त बीज की नहीं गली,
तो तू कैसे बच पायेगा
सुन ले ‘लार बीज’ पल में ही,
धूल चाटकर जाएगा।
तुझको रण में मजा चखाने,
स्वयं भवानी आयी है।
भाग,भाग…रे भाग ‘कोरोना’,
तेरी शामत आयी है॥

परिचय-वंदना शर्मा की जन्म तारीख १ मई १९८६ और जन्म स्थान-गंडाला(बहरोड़,अलवर)हैl वर्तमान में आप पाली में रहती हैंl स्थाई पता-अजमेर का हैl राजस्थान के अजमेर से सम्बन्ध रखने वाली वंदना शर्मा की शिक्षा-हिंदी में स्नातकोत्तर और बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी के लिए प्रयासरत होना हैl लेखन विधा-मुक्त छंद कविता हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य- स्वान्तःसुखाय तथा लोकहित हैl जीवन में प्रेरणा पुंज-गुरुजी हैंl वंदना जी की रुचि-लेखन एवं अध्यापन में है|

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