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नीर लिए नैनों में

सुदामा दुबे 
सीहोर(मध्यप्रदेश)

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वेदना के स्वर लिए वो श्वांस के सितार पर,
हिये से अधीर हुई लुटे से दयार पर।

नीर लिए नैनों में कर रही विलाप वो,
देख रही बार-बार बिखरी-सी बहार पर।

तोड़ गए रिश्ते सभी पात सुमन शाख से,
दूर को गए कहीं वो बैठ रथ बयार पर।

छाँव से हुई विहीन काँप रही ताप से,
लग रही ठगी-ठगी अचेत-सी अधार पर।

बेरी बाबरा पतझड़ आया उसके द्वारे में,
चोंट कर गया भारी उसके तन श्रृंगार पर॥

परिचय: सुदामा दुबे की की जन्मतिथि ११ फरवरी १९७५ हैL आपकी शिक्षा एम.ए.(राजनीति शास्त्र)है L सहायक अध्यापक के रूप में आप कार्यरत हैं L श्री दुबे का निवास सीहोर(मध्यप्रदेश) जिले के बाबरी (तहसील रेहटी)में है। आप बतौर कवि काव्य पाठ भी करते हैं। लेखन में कविता,गीत,मुक्तक और छंद आदि रचते हैंL

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