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अना नहीं ये

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’
जयपुर (राजस्थान)
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दुनिया के बाज़ार में,व्यापार है बहुत,
फ़नकार हैं बहुत,तो ख़रीदार भी बहुत
उम्मीद से ज्यादा मिली कीमत जिन्हें,खुश थे
ख़ुद्दार थे हम,इसलिये,बस,हम नहीं बिके।

कीमत वफ़ा की चाहें,आशिक सिरफ़िरे बहुत,
ख़ुद ना तसद्दुक हो,रखे उम्मीद,पर,बहुत
कसमें खा,कर वादे,शर्तें ये जहाँ लगे
ये है तिज़ारत,ना मुहब्बत,हम नहीं बिके।

बेक़स के हक़ का मामला,गवाह थे बहुत,
हम थे अहम,मुख़्तार ने लालच दिये बहुत
मुंसिफ़ ने आख़िर फ़ैसले,सब हक़ में ही लिखे,
वाईज़ बिका,नाज़िम बिका,पर हम नहीं बिके।

हर्ग़िज ना कम थे,ख़ूबियाँ हममें भी थी बहुत,
सूरत ही ना,सीरत से भी,संजीदा थे बहुत
जो चाहते वो,हम मग़र,उस रंग ना रंगे
अख़लाक का रंग यूँ चढ़ा कि हम नहीं बिके॥
(इक दृष्टि यहाँ भी:अना=अहंकार,ख़ुद्दार= स्वाभिमानी,तसद्दुक=न्यौछावर,तिज़ारत= व्यापार, बेक़स=दीन-हीन, मुख़्तार=वकील से छोटा पैरवीकार,मुंसिफ़=न्यायाधीश,वाईज़= उपदेशक, नाज़िम=प्रबंधक, सीरत=स्वभाव, संजीदा=गंभीर व शांत, अख़लाक=सदाचार)

परिचय–निर्मल कुमार शर्मा का वर्तमान निवास जयपुर (राजस्थान)और स्थाई बीकानेर (राजस्थान) में है। साहित्यिक उपनाम से चर्चित ‘निर्मल’ का जन्म १२ सितम्बर १९६४ एवं जन्म स्थान बीकानेर(राजस्थान) है। आपने स्नातक तक की शिक्षा (सिविल अभियांत्रिकी) प्राप्त की है। कार्य क्षेत्र-उत्तर पश्चिम रेलवे(उप मुख्य अभियंता) है।सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आपकी साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी है। हिंदी, अंग्रेजी,राजस्थानी और उर्दू (लिपि नहीं)भाषा ज्ञान रखने वाले निर्मल शर्मा के नाम प्रकाशन में जान्ह्वी(हिंदी काव्य संग्रह) और निरमल वाणी (राजस्थानी काव्य संग्रह)है। प्राप्त सम्मान में रेल मंत्रालय द्वारा मैथिली शरण गुप्त पुरस्कार प्रमुख है। आप ब्लॉग पर भी लिखते हैं। विशेष उपलब्धि में  स्काउटिंग में राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त ‘विजय रत्न’ पुरस्कार,रेलवे का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त, दूरदर्शन पर सीधे प्रसारण में सृजन के संबंध में साक्षात्कार,स्व रचित-संगीतबद्ध व स्वयं के गाये भजनों का संस्कार व सत्संग चैनल से प्रसारण है। स्थानीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन होता रहता है। लेखनी का उद्देश्य- साहित्य व समाज सेवा है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-प्रकृति व समाज है। विशेषज्ञता में स्वयं को विद्यार्थी मानने वाले श्री शर्मा की रूचि-लेखन,गायन तथा समाज सेवा में है।

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