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क्षमा प्रथम धर्म

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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क्षमा पर्यूषण का प्रथम है धर्म,
क्रोध त्याग प्रथम है हमारा कर्म
मार्दव अहम त्याग सिखाता है-
जीवन के अंत का सच दिखाता हैl
आर्जव में छिपी है जीवन की सरलता,
सादगी से जीवन हमेशा महकता
जो श्रावक पाले है धर्म में शोच
पवित्र बन गंदगी को लेगा नोंचl
गांधी जी ने भी पाला धर्म में सत्‍य,
सत्‍य से बड़ा नहीं जीवन में तथ्य
जिस मानव ने धारण किया संयम
भौतिक सुख का होगा दूर वहमl
इंद्रियों को वश में करना है बड़ा तप,
दिखावटी माला को ना तू जप
जिस मानव ने सीखा त्याग करना-
भूल जाएगा व्यर्थ में जेब भरनाl
समझ लेना क्या है अकिंचन,
धूंल स्वरूप दिखेंगे चाँदी और कंचन
सही पथ पर अपनाना ब्रह्मचर्य
इंद्रिय नियंत्रण में बनोगे आचार्यl
पर्यूषण पर्व की अलग है महिमा,
क्षमा करना अगर भूली आरती गरिमाll

परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैL आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैL आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैL आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैL आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैL अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंL आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंL

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