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सात फेरे

अनिल कसेर ‘उजाला’ 
राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)
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सात फेरे लिये जो संग तेरे,

लगता सपने पूरे हो गये मेरे।

मैं साजन,तुमसे बना सजनी,

हाथ पकड़ लाया मैं,द्वार मेरे।

सातों वचन के सात फेरे,

साथ रहूँगा मैं जीवनभर तेरे।

सुख हो चाहे दु:ख हो साजन,

हर कदम कदम चलूँगा तेरे।

मान मेरा तुम रखना सम्हाल,

सम्मान का खयाल रखूंगा मैं तेरे।

सातों वचन के सात फेरे,

साथ रहूँगा मैं जीवनभर तेरे।

मेरे सफ़र के हो साथी तुम,

जीवनभर साथ निभाना रे।

सपना तेरा,सब होगा अपना,

करेंगे मिलकर हम दोनों पूरे।

सातों वचन के सात फेरे,

साथ रहूँगा मैं जीवनभर तेरे॥

परिचय –अनिल कसेर का निवास छतीसगढ़ के जिला-राजनांदगांव में है। आपका साहित्यिक उपनाम-उजाला है। १० सितम्बर १९७३ को डोंगरगांव (राजनांदगांव)में जन्मे श्री कसेर को हिन्दी,अंग्रेजी और उर्दू भाषा आती है। शिक्षा एम.ए.(हिन्दी)तथा पीजीडीसीए है। कार्यक्षेत्र-स्वयं का व्यवसाय है। इनकी लेखन विधा-कविता,लघुकथा,गीत और ग़ज़ल है। कुछ रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-सच्चाई को उजागर करके कठिनाइयों से लड़ना और हिम्मत देने की कोशिश है। प्रेरणापुंज-देशप्रेम व परिवार है। सबके लिए संदेश-जो भी लिखें,सच्चाई लिखें। श्री कसेर की विशेषज्ञता-बोलचाल की भाषा व सरल हिन्दी में लिखना है।

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