रोहित मिश्र,
प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)
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हमेशा न मुँह ऐसे बनाया करो,
कभी तो खुलकर हँसाया करो।
ये जीवन है मस्ती भरे पलभर का,
हमें भी छोटी-छोटी खुशियाँ दिलाया करो।
रोते हुए आए थे,रूलाते हुए जाएँगे,
बाकी की जिंदगी में मुस्कुराया करो।
मुझको भी साथ ले जाया करो,
छोटी-छोटी खुशियाँ दिलाया करो।
फूलों के उपवन में ले जाया करो,
वहाँ भी थोड़ा-सा मुस्कराया करो।
कभी हमको भी सिनेमा दिखाया करो,
पाप कार्न मुझको भी खिलाया करो।
सुबह-सुबह तुम भी उठ जाया करो,
मुझको भी मार्निंग वॉक कराया करो।
मुझको भी साथ ले जाया करो,
छोटी-छोटी खुशियाँ दिलाया करो॥