माँ गरीब नहीं होती

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ की लोरी से बढ़कर दुनिया में गाना नहीं होता, नापे माँ के दिल की गहराई कोई पैमाना नहीं होताl जब आलीशान महलों में बेताबियां बढ़ जाती हैं, माँ की गोद-सा कोई जहां में आशियाना नहीं होताll कुरूप से कुरूप बच्चा माँ को खूबसूरत होता … Read more

किताबों की शवयात्रा

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** कई वर्षों के बाद आज मैं अपने शहर आई हुई थी। इस शहर में मेँ जन्मी,पली बढ़ी और विवाह के पश्चात दूसरे शहर चली गई। आज अपने शहर में आकर मुझे बड़ा सुकून महसूस हो रहा था। मुझे शोध के लिए कुछ किताबों की आवश्यकता थी,अतः आज सदर बाजार आई हुई … Read more

मतदान

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** देश हित में बढ़-चढ़कर, आओ मिल मतदान करें। अपने वोट से नेता चुन, देश का गौरव गान करें॥ बहुमूल्य होता मतदान, व्यर्थ में न उसको गंवाएँ। ऐसे नेता को जितायें, जो विकास नीतियां अपनाएँ॥ नोट लेकर वोट न दें, अपने मत का सम्मान करें। नाप-तौल की वस्तु नहीं, मिलकर सब मतदान … Read more

प्रेम फुहार

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** मगन हो प्रेम रंग, सब पर लुटाइये, बैर भाव मन से तो, सदा ही मिटाइये। माँ प्रेम ममता भरी, दिल से अपनाइए, पिता से अनुशासन, नित सीख जाइए। भाई प्रेम रक्षा करे, बहनों से प्रीत मिले, स्त्री,पुरुष प्रेम में भी, समर्पण चाहिए। प्रेम रस जीवन में, उमंग भरे जानिये, बिना प्रेम … Read more

वह सफाईवाली

सुरेश चन्द्र सर्वहारा कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** नई-नई ब्याहता वह सफाईवाली, घूँघट निकाले आई है करने सड़क की सफाई, सकुचाती शरमाती अपने में सिकुड़-सिकुड़ जाती, उठाती घरों से कचरा देख रही, वर्ग-भेद की गहरी खाई। कड़ी धूप में पड़ रही देह काली, सर्दी में हो उठी त्वचा रूखी-सूखी खुरदरी, बरसात में भीगकर चिपक गये हैं कपड़े तन … Read more

उल्टा दांव

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** “हमारे घर ऐसा होता है,हमारे घर वैसा होता है।” यही जुमला सुन-सुन कर रेखा के कान पक चुके थे। अभी लग्न लेकर लड़के वाले रेखा के घर आये हुए थे। सगाई की तारीख तय हो गई थी। लड़के की माता जी रेखा के घर इस बीच दो-चार बार आ चुकीं थीं … Read more

मैं पंछी हूँ

लालचन्द्र यादव आम्बेडकर नगर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… मैं पंछी हूँ,मैं जंगल की रानी हूँ, पेड़,लताएं,कुंजों की दीवानी हूँ। तुम दरख़्त को काट-काट ले जाते हो, तेरे ही कदमों से मिटी कहानी हूँ। अपना रोटी,कपड़ा तुमको याद रहा। मैं बेघर फिरती जैसे दीवानी हूँ। पहले मेरा घर होता था,कुंजों में, आज नहीं,मैं … Read more

हाईटेक संवेदनाएं

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** आज मुकेश के फेसबुक और उसके व्हाट्सएप के प्रोफ़ाइल फोटो पर वह अपनी माँ के साथ बैठा हुआ दिख रहा था। यह देखकर मुकेश के एक सहकर्मी ने कहा,-“क्या बात है ? मुकेश को आज अपनी माँ बहुत याद आ रही है,वर्ना वह तो हमेशा अपनी पत्नी के साथ रोमांटिक अंदाज … Read more

नया साल आया है

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* माँ,आज तो नया साल आया है, पापा का दोस्त देखो खिलौने लाया है। जिनको तरसती थी निगाहें हमारी, अब फूली नहीं समाती मन की क्यारी, पापा का दोस्त नहीं,नया साल आया है॥ बरसात में भीग गई थी राजकुमार की किताब, रह गया था अधूरा पढ़ने का ख्वाब। देखो! डाकिया … Read more

परख

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** फेसबुक में उस फेसबुक दोस्त से आशा की अच्छी दोस्ती हो गई थी। उसका फेसबुक दोस्त विजय उससे फेसबुक पर प्रेम निवेदन कर चुका था। वह आशा को प्रतिदिन प्रेम पगा संदेश भेजता। वह आशा से मिलने के लिए बैचेन था। उसने आशा को संदेश किया कि नववर्ष में उसने होटल … Read more