वादा

मनोरमा चन्द्रारायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************************** ईश्वर से वादा किया,नाम जपूँगा रोज।जगत मोह में भूलकर,किया नहीं कुछ खोज॥ जब तुमने वादा किया,तोड़ रहे क्यों आज।मन मेरा अति व्यथित है,सही नहीं अंदाज॥ जीवन भर का साथ है,करता हूँ इकरार।रखूँ तुझे पलकों बिठा,करूँ नहीं नाराज॥ नहीं निभा सकते अगर,वचन नहीं दो यार।करके वादे तोड़ना,देता चुभन अपार॥ चलो प्रतिज्ञा हम करें,बनें मसीहा … Read more

छालों भरे पाँव

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’कोटा(राजस्थान)***************************************************************** चुभे थेबरसों पहलेजो ‘बाबा नागार्जुन’ कीआँखों में,वैसे ही चुभ गयेफिर सेआँखों में मेरीपैदल चलते मजदूरों केछालों भरे पाँव।रहन हुए खेत सबमर गए भूखे,प्यास भीबुझी नहींनदी-ताल सूखे,चले कृषकशहर मेंपाने को ठाँव।पता नहीं था‘कोरोना’आढाएगा कहर,अचानक हीजन-जीवनजाएगा ठहर।आदमी घरों मेंबाहर हैकौओं की काँव।चल पड़े मजदूरघरों को अपने,‘वामन’ के पैरों सेधरा लगी नपने,कड़ी धूपकाँधे बोझपेट में … Read more

अनंत

मनोरमा चन्द्रारायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************************** इष्ट नाम को जाप लो,उनकी कृपा अनंत।प्रभु का सुमिरन नित करो,होता दु:ख का अंत॥ इच्छा कितनी है प्रबल,मन भागे चहुँ ओर।नित अनंत कुछ चाह का,करे जगत में शोर॥ श्रेष्ठ कर्म के ताप से,जगत मिले हैं मान।मन अनंत प्रहसित हुआ,ऐसा होता भान॥ मात पिता का प्रेम तो,है अनंत तू जान।सारे जीवन कर भरण,बसे पूत … Read more

बन्दर और मगर

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** एक घने जंगल के भीतर नदी एक थी गहरी, दृश्य देखने वह उस वन का जैसे आकर ठहरी। उसी नदी से कुछ दूरी पर था जामुन का तरुवर, बन्दर एक रहा करता था उसी पेड़ के ऊपर। एक मगर भी उसी नदी में बहुत समय से रहता, संग नदी की … Read more

‘कोरोना’ योद्धा

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** मिसेज भारती और उनका ८ साल का बेटा पिछले एक सप्ताह से `तालाबन्दी` के चलते घर पर बन्द थे। `कोरोना` विषाणु की महामारी के चलते पूरे देश में इक्कीस दिन की `तालाबन्दी` की गई थी। उनके पति व्यापार के सिलसिले में दिल्ली गए हुए थे,परंतु `तालाबन्दी` और कोरोना के संक्रमण को … Read more

बादल बन जाता…

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** कितना अच्छा यह होता जो मैं भी इक बादल बन जाता, आसमान में कभी कहीं भी घूम घूम रहता इतराता। सागर-सागर पानी लेकर संग हवा के खेला करता, पर्वत-पर्वत दौड़ लगाता आँधी से मैं कभी न डरता। हाथ पकड़ सूरज-किरणों का मैं हँसता-गाता-मुस्काता, कड़क-कड़क कर खूब गरजता अपने में बिजली … Read more

समाज के प्रति हमारा कर्तव्य जरुरी

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. संपूर्ण जीव-जगत में मनुष्य को ही सर्वश्रेष्ठ जीव माना जाता है,और मनुष्य ने अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन से यह सिद्ध भी कर दिया है कि इस धरा पर उसके जैसा ज्ञानी और समर्थ दूसरा कोई जीवधारी नहीं है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से … Read more

बेटी को खूब पढ़ाएँ

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** देन हमें ईश्वर की न्यारी बेटी होती कितनी प्यारी, यह तो हर घर के आँगन को- महका देती बन फुलवारी। बेटी ध्यान सभी का रखती यह दुःख में भी हँसती दिखती, बाँट रही है सबको खुशियाँ- कड़वेपन को चुप-चुप चखती। नहीं कमी की करे शिकायत फिर भी पाती कड़ी हिदायत, … Read more

वही सबका रखवाला है

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** क्या खेल समय ने खेला है, जग में ‘कोरोना’ का मेला है। सबके साथ भी नर अकेला है, क्या खेल समय ने खेला है…। ईश्वर का खेल निराला है, सब ओर मकड़ी का जाला है। कोरोना ने डेरा डाला है, धर्म घरों में लटका ताला है…। अब उजाला भी लगता … Read more

झरोखा

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** सूर्य किरण की लालिमा, लगे मुझे शुभ आज। देख आँख मदहोश है, रूप-रंग का साज! आँख झरोखे देखते, जो रखते हैं ध्यान। पढ़ लेते अनुमान से, किस तन में अज्ञान॥ खिड़की शोभा महल का, दृश्य प्रकाश दिखाय। इससे रोशन घर हुए, मन उमंग भर जाय॥ नेह भाव से जुड़ चलो, मित्र … Read more