साधारण-सी नायिका हूँ
तृषा द्विवेदी ‘मेघ’उन्नाव(उत्तर प्रदेश)***************************************** हे श्याम! मैं द्वापर की राधा नहीं,न ही मैं मीरा हूँ,मुझमें इतना समर्पण कहाँ है कृष्ण!मैं तो इस युग की एक साधारण-सी नायिका हूँ,मुझे रुक्मिणी-सा अधिकार चाहिए,दे दो न मुझे मेरे हिस्से का वो प्रेम,जो आपसे अपेक्षित है।मैं मन से विलग तुम्हें नहीं कर पाऊँगी,मैं तुमसे दूर नहीं रह पाऊँगीतुम्हीं तो … Read more