तुम मेरे प्रिय

दिव्या त्रिवेदीपूर्णिया (बिहार)******************************* काव्य संग्रह हम और तुम से.......... मेरे हृदय तमस को हरने वाले,तुम चन्द्र छवि के समान प्रिय।मैं नदिया-सी तुममें खो जाऊं,तुम हो सागर का विस्तार प्रिय। मैं…

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